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गुरुजी जान बचाएं या पढ़ाएं! यहां निजी नाव से कोसी नदी को पार कर बिना सेफ्टी के स्कूल पहुंचते हैं टीचर्स

Bihar News: बिहार के सहरसा में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं की ये मजबूरी बन गई है कि उन्हें अपनी जान को जोखिम में जालकर समय पर स्कुल जाना पड़ता है. शिक्षक-शिक्षिकाओं को अपने-अपने स्कुल समय से पहुंचने के लिए निजी नाव से कोसी नदी को पार कर जाना पड़ता है, बिना किसी लाइफ जैकेट और सेफ्टी के. जिससे उनके मन में हर समय किसी दुर्घटना का डर बना रहता है. यहां पर सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है.   

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गुरुजी जान बचाएं या पढ़ाएं! यहां निजी नाव से कोसी नदी को पार कर बिना सेफ्टी के स्कूल पहुंचते हैं टीचर्स
गुरुजी जान बचाएं या पढ़ाएं! यहां निजी नाव से कोसी नदी को पार कर बिना सेफ्टी के स्कूल पहुंचते हैं टीचर्स
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 30, 2024, 07:17 PM IST
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Saharsa News: बिहार के सहरसा में पूर्वी कोसी तटबंध के भीतर कई गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षिका अपनी जान जोखिम में डालकर नाव पर सवार होकर कोसी नदी पार करने को मजबूर हैं. यह मामला जिले के नवहट्टा प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर की है. जहां शिक्षक-शिक्षिकाओं को स्कूलों तक पहुंचने के लिए रोजाना सुबह सबेरे उठकर कई किलोमीटर सफर कर नदी के घाट पर पहुंचना पड़ता है.

जिसके बाद यह नाव पर सवार होते हैं, निजी नाव पर प्रत्येक दिन इन्हें सौ रुपए किराया चुकाना पड़ता है. ये शिक्षक- शिक्षिका बगैर लाइफ जैकेट और बिना कोई सेफ्टी के जान हथेली पर लेकर कोसी नदी को पार कर अपने -अपने स्कूलों तक पहुंचते हैं. कई बार ऐसा भी हुआ है कि इन शिक्षकों की नाव कोसी नदी के बीच मझधार में फंस गई और शिक्षकों की सांसे अटक गई, लेकिन ऊपर वाले कि मेहरबानी से घंटों बाद किसी तरह इनकी नाव किनारे लग गई.

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आए दिन शिक्षक-शिक्षिकाओं के मन में किसी बड़े हादसे का डर बना रहता है, लेकिन ड्यूटी निभाने के लिए किसी तरह समय से स्कूल पहुंचना इन शिक्षकों की मजबूरी है. सरकार और प्रसासन का दावा है कि तटबन्ध के भीतर नदी पार करने के लिए सरकारी नाव की व्यवस्था की गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही. 

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जब कभी कोई बड़ा हादसा होता है तो सरकार और प्रसासन के लोग पूरी तरह एक्टिव हो जाते हैं. अगर हादसे से पहले सरकार और प्रसासन एक्टिव रहे तो इन हादसों को रोका भी जा सकता है. जरूरत है सरकार और प्रसासन को ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं जिनकी ड्यूटी नदी के पार विभिन्न स्कूलों में हैं. उनकी सुरक्षा व्यवस्था की मुकम्मल व्यवस्था की जाय ताकि किसी बड़े हादसे को रोका जा सके. किसी तरह की कोई घटना होने से पहले ही इस समस्या का समाधान किया जाए. 

इनपुट - विशाल कुमार

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