Sahibganj News: जब सड़क हादसों में तमाशबीनों की भीड़ जुटती हैं. तब एक शख्स ऐसा भी है, जो बिना कुछ सोचे घायलों की मदद करने निकल पड़ता हैं. जिसे अब तक ना जाने कितने नामों से नावाज़ा गया हैं. कोई उन्हें घायलों का बाबा, तो कोई सड़क का मसीहा, तो प्रशासन ने उन्हें सड़क सुरक्षा योद्धा नाम दिया. जी हां, हम बात कर रहे हैं पंडित ओमप्रकाश प्रजापति उर्फ़ प्रकाश बाबा जो काम भले ही साहिबगंज जिला के तालझाड़ी प्रखंड में चतुरवर्गीय कर्मचारी का करते हैं, लेकिन कारनामें ऐसी जिसे करने में बड़े-बड़े सुरमा पीछे रह जाते है.
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प्रकाश बाबा जो बिना किसी स्वार्थ के निकल पड़ते सडक दुर्घटना में घायल लोगो को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए और हां यह कोई आज या कल की एक दो घटना नहीं हैं बल्कि इस अभियान की शुरुआत तीन दशक पूर्व 1990 में हो गई थी. प्रकाश बाबा ना केवल सडक दुर्घटना में घायल लोगो को ही अस्पताल पहुंचता हैं. बल्कि ट्रेन से गिरकर घायल हुए लोगो की भी जान बचाने के लिए हर वक्त तैयार रहता हैं. कई बार तो इन्होने ने शराब के नशे में धुत सडक किनारे या जंगलों में पड़े लोगो को भी पहले अस्पताल और फिर उनके घर तक पहुँचाने का काम किया हैं. इस काम को करने के लिए उन्हें कहीं से कोई फण्ड नहीं मिलता और ना ही वे किसी एन जी ओ से जुड़े हैं. केवल अंतर आत्मा की शांति के लिए यह काम करते हैं.
हालांकि, इस पुनीत कार्य के लिए बाबा को कई सम्मान और प्रशस्ति पत्र मील चुके हैं. और प्रशासन ने उन्हें सडक सुरक्षा योद्धा से नवाज़ा हैं. प्रकाश बाबा बताते हैं कि वर्ष 1990 में पहली बार उन्होंने साहिबगंज के जिलेबीया घाटी के पास दुर्घटना में घायल हुए एक शख्स को अस्पताल पहुंचकर उनकी जान बचाई थी. तब वे एक बड़े पत्थर व्यवसाई राजेश्वर सिंह के यहाँ ड्राइवर के नौकरी किया करते थे. और जिस शख्स को उन्होंने बचाया था वह साहिबगंज मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के समीम अख्तर नाम के शख्स था. इसके बाद जो सिलसिला शुरु हुआ वह आज तक जारी हैं. बाबा के पास कोई लिखित आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन यह जो लम्बा सफर रहा. इसमें 1000 से भी अधिक लोगों को मदद कर अस्पताल पहुंचाया.
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अक्सर यह देखा जाता है कि लोग पुलिस के झंझट से बचने के लिए घायलों की मदद नहीं करता. वैसे लोगों के लिए बाबा का संदेश है कि कभी भी घायलों की मदद करने अस्पताल पहुंचाने में आप कोई भी संकोच ना करे. आपको पुलिस कभी भी परेशान नहीं करेंगी. क्योंकि भारत सरकार के सडक एवं परिवहन मंत्रालय का एक कानून हैं जिसमे सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाने वाले से पुलिस पूछताछ कर परेशान नहीं करेंगी. बल्कि परिवहन विभाग ऐसे योद्धा को नेक नागरिक के सम्मान से नवाज़ते हैं और एक घायल की जान बचाने पर प्रोत्साहन के रूप में 2000 रूपये की प्रोत्साहन राशि भी देती है.
इसलिए सडक दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए हर कोई की हाथ उठना चाहिए. प्रकाश बाबा से जब ज़ी मीडिया संवाददाता पंकज वर्मा ने बात की तो उन्होंने बताया की तकलीफ में पड़े लोगो को मदद करने से दिल को सुकून मिलता हैं. हमारा मोबाइल 24 घंटे चालू रहते हैं और दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए हमारा मोटरसाइकिल कभी भी रात में भी निकाला पड़ता हैं.. बाबा बताते हैं की 20 से 40 किलोमीटर की रेडिअस में वह सुचना मिलने पर पहुंचे जाते हैं. 2025 में ही अबतक उन्होंने 70 घायलों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं.
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इसके लिए उन्हें झारखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे, साहिबगंज के पूर्व उपायुक्त रामनिवास यादव, साहिबगंज के वर्तमान उपायुक्त हेमंत सती, दुमका वन प्रक्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक ने भी प्रशस्ति पत्र और पुरुस्कार देकर सम्मानित किया. प्रकाश बाबा की कहानी उन लोगो के लिए प्रेरणा देती है, जो समाज अपना योगदान देकर कुछ करना चाहते हो. प्रकाश बाबा बताते हैं कि हमारा मानव धर्म कहता हैं की दुख तकलीफ में पड़े लोगो की मदद बिना कुछ सोंचे करना चाहिए. तभी हमारा जीवन सार्थक होगा. आज के लिए बस इतना आगे फिर आपको समाज में छुपे योद्धा से मिलाएंगे.
इनपुट- पंकज वर्मा
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