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Bihar News: नए कानून BNS के तहत सारण में हुई सबसे पहली सजा, जानें इस लॉ में क्या है खास

Bihar News: 1 जुलाई से लागू हुई 'भारतीय न्याय संहिता' (BNS) के तहत सबसे पहले सारण में किसी को सजा सुनाई गई है. अदालत ने दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 

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सारण एसपी को सम्मानित करते डीजीपी आलोक राज
सारण एसपी को सम्मानित करते डीजीपी आलोक राज
K Raj Mishra|Updated: Sep 08, 2024, 10:45 AM IST
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Bihar News: बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने भारत के नए आपराधिक कानून (BNS) के तहत गुनहगारों को सजा दिलाई है. यह कीर्तिमान बिहार की सारण पुलिस ने रचा है. सारण पुलिस ने ट्रिपल मर्डर केस की जांच बड़ी ही संजीदगी के साथ की और सभी आरोपियों को नए आपराधिक कानून 'भारतीय न्याय अधिनियम' (BNS) के तहत 50 दिनों के अंदर ही उम्रकैद की सजा दिलवाई. अदालत ने ट्रिपल मर्डर केस में दो किशोर गुनहगारों को उम्रकैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. यह मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ था, जिसमें दो लड़कों ने बड़ी बेरहमी से 2 नाबालिग लड़कियों और उनके पिता की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी. इस केस में स्पीडी ट्रायल के बाद 50वें दिन दोनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

बता दें कि भारतीय न्याय संहिता 1 जुलाई से ही देशभर में लागू हुई है. इसके बाद देश में पहली बार इस नई कानून संहिता के तहत किसी को सजा सुनाई गई है. सारण के एसपी डॉ. कुमार आशीष ने दावा किया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दर्ज मामले में सजा दिलाने में सारण पहला जिला बन गया है. काफी कम दिनों के अंदर कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करके सजा के लिए बिहार के डीजीपी आलोक राज ने उन्हें पटना बुलाया और पूरी टीम को बधाई दी.

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बीएनएस के खास प्रावधान

बता दें कि भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ली है. नए कानून के तहत कोई भी नागरिक अपराध के सिलसिले में कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकेगा. जांच के लिए मामले को संबंधित थाने में भेजा जाएगा. अगर जीरो एफआईआर ऐसे अपराध से जुड़ी है, जिसमें 3 से 7 साल तक सजा का प्रावधान है तो फॉरेंसिक टीम से साक्ष्यों की जांच करवानी होगी. इस कानून में ऑडियो-वीडियो यानी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर जोर दिया गया है. फॉरेंसिंक जांच को अहमियत दी गई है. 12 साल से कम उम्र की पीड़िता के साथ रेप पर अपराधी को न्यूनतम 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है. हालांकि, शादी का झांसा देकर संबंध बनाने वाले अपराध को रेप से अलग अपराध माना गया है. यानी उसे रेप की परिभाषा में नहीं रखा गया है.

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