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Bihar News: आज बिहार आएगा शहीद इम्तियाज का पार्थिव शरीर, देशभक्ति ऐसी कि घर का नाम रखा 'सीमा प्रहरी निवास'

Chhapra News: शहीद सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने आगे बढ़कर वीरतापूर्वक बीएसएफ चौकी का नेतृत्व किया और देश की सरहद की रखवाली करते हुए अपने प्राण न्योक्षावर कर दिए. आज पूरा देश उनकी शहादत को नमन कर रहा है.

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शहीद मो. इम्तियाज
शहीद मो. इम्तियाज
K Raj Mishra|Updated: May 12, 2025, 08:50 AM IST
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Chhapra News: सरहद पर पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद BSF जवान मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर आज बिहार लाया जाएगा. बिहार के लाल जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और पाकिस्तान से लोहा लेते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए. आज उनका शव उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद पटना एयरपोर्ट पर जाकर शहीद जवान को श्रद्धांजलि देंगे. इससे बाद सारण जिले में गड़खा थाना क्षेत्र के उनके पैतृक गांव नारायणपुर में उन्हें सुपुर्दे खाक किया जाएगा. उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा.

रविवार (11 मई) को जम्मू के फ्रंटियर मुख्यालय में पुष्पाजंलि अर्पित की जाएगी. वहीं उनकी शहादत पर बीएसएफ ने सलाम किया है. जम्मू सीमा सुरक्षा बल के आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि हम 10 मई को आरएस पुरा क्षेत्र, जिला जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर क्रॉस बॉर्डर फायरिंग के दौरान राष्ट्र की सेवा में बीएसएफ के बहादुर सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. इसमें पोस्ट में आगे कहा गया कि बीएसएफ सीमा चौकी का नेतृत्व करते हुए, सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने आगे बढ़कर वीरतापूर्वक नेतृत्व किया. डीजी बीएसएफ और सभी रैंक उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. कल फ्रंटियर मुख्यालय जम्मू, पलौरा में पूरे सम्मान के साथ पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया जाएगा.

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बता दें कि शहीद मो. इम्तियाज अहमद के भाई मुस्तफा भी BSF में देश की सेवा कर रहे हैं और इस समय वह मेघालय में बांग्लादेश सीमा पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. दोनों भाइयों ने बचपन से ही सेना की वर्दी पहनने का सपना देखा था और उन्होंने मेहनत और समर्पण से अपने इस सपने को साकार किया. जब सपने साकार हुए तो ईम्तियाज और मुस्तफा ने मिलकर अपने गांव में एक घर बनाया था, जिसका नाम उन्होंने ‘सीमा प्रहरी निवास’ रखा. यह नाम उनकी देशभक्ति और सेवा भाव को दर्शाता है. भाई की शहादत की खबर मिलते ही मुस्तफा छुट्टी लेकर गांव पहुंचे. उन्होंने पाकिस्तान की इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा की और कहा कि देश उनके भाई की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देगा.

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