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Possitive News: दिन रात मेहनत कर पिता ने बेटों को पढ़ाया, दोनों भाई अब बन गए दरोगा

Chhapra News: दो सहोदर भाईयों ने अपनी मेहनत की बदौलत दरोगा की परीक्षा पास की. दोनों भाईयों के रिजल्ट आते ही परिवार, गांव और पंचायत में खुशी की लहर दौड़ गई. ये दोनो भाई भेल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत भेल्दी गांव के अकबर अली के पुत्र साहेब अली और मोहम्मद शाहिद कमाल है. 

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Chhapra: छपरा के दो भाईयों ने रचा इतिहास, पास की दरोगा की परीक्षा, पिता ने दिन रात मेहनत कर की जरूरतें पूरी
Chhapra: छपरा के दो भाईयों ने रचा इतिहास, पास की दरोगा की परीक्षा, पिता ने दिन रात मेहनत कर की जरूरतें पूरी
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 09, 2024, 10:21 AM IST
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छपराः Chhapra News: फुटपाथ पर उड़ीसा में रोजगार करने वाले दम्पति के दो पुत्रों ने अपनी मेहनत से इतिहास बना दिया है. कहते है कि ईमानदारी से किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नही जाता और सही दिशा में किया गया मेहनत लक्ष्य तक पहुंचा देता है. यह कमाल कर दिखाया है दो सहोदर भाईयों ने अपने मेहनत के बदौलत दरोगा का परीक्षा पास किया है. दोनों भाईयों के रिजल्ट आते ही परिवार, गांव और पंचायत में खुशी की लहर दौड़ गई. ये दोनो भाई भेल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत भेल्दी गांव के अकबर अली के पुत्र साहेब अली और मोहम्मद शाहिद कमाल है. 

बिहार दरोगा परीक्षा का रिजल्ट आने की खुशी में ना सिर्फ परिवार को है बल्कि पूरे मुहल्ले में जश्न का माहौल है, लेकिन इस दोनो भाईयों के इस मुकाम तक पहुंचाने में पिता ने दिन रात मेहनत कर दोनों भाईयों की हर जरूरतें पूरी करते, खुद किसी तरह उड़ीसा में प्राइवेट जॉब करते हुए घर की आर्थिक स्थिति को अकेले संभालते रहे और दोनों बच्चों के हौसले को बल देते रहे. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार में दोनों भाईयों ने कई बार मिलिट्री में असफल हुए लेकिन हार नहीं मानी और आज उनका जज्बा अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है. अब बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है.

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हालांकि इन दोनों भाईयों में बड़े भाई साहब अली ने अपनी काबिलियत के दम पर राजस्व कर्मचारी की नौकरी पर काबिज हुए थे. लेकिन वर्दी पहनने का जुनून कुछ ऐसा सवार था कि राजस्व कर्मचारी रहते हुए भी कार्यालय के काम के बाद रात में जो समय मिलता तो उसमें दरोगा की तैयारी भी करते रहे और नतीजा ऐसा हुआ की दोनों भाईयों ने एक साथ दरोगा की परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने माता-पिता के कंधे का सहारा बने, बल्कि गांव, पंचायत और जिला के युवाओं के लिए प्रेरणा भी है.
इनपुट- राकेश कुमार 

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