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तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की 10 साल के सौरव ने बचाई जान, देखें पूरा मामला

Bihar News: सौरव की बहादुरी की हर जगह तारीफ हो रही है. मृतक बच्ची के पिता बबलू बिंद ने बताया कि किशनपुर गांव की सरकारी स्कूल की चार लड़कियां गुरुवार को स्कूल न जाकर गांव के हनुमान मंदिर के पास खेलने चली गईं.  

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तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की 10 साल के सौरव ने बचाई जान, देखें पूरा मामला
तालाब में डूब रही तीन बच्चियों की 10 साल के सौरव ने बचाई जान, देखें पूरा मामला
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Aug 10, 2024, 04:50 PM IST
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शेखपुरा: शेखपुरा जिले के शेखोपुरसराय प्रखंड के बेलाव पंचायत के किशनपुर गांव में गुरुवार को 10 वर्षीय सौरव ने तालाब में डूब रही चार बच्चियों में से तीन की जान बचा ली. इस घटना में एक बच्ची की मौत हो गई. सौरव ने अपनी जान की परवाह किए बिना मेहर (8 वर्ष), प्रीति (9 वर्ष) और मुस्कान (8 वर्ष) को बचाने में सफलता हासिल की, जबकि बच्ची मधु (10 वर्ष) की डूबने से मौत हो गई. सभी बच्चियां किशनपुर मध्य विद्यालय की छात्राएं थीं. सौरव भी उसी स्कूल का छात्र है. मधु और मेहर जो बबलू बिंद की दो बेटियां थीं, जुड़वां बहनें थीं. मधु की मौत हो गई, जबकि मेहर, प्रीति और मुस्कान सुरक्षित बच गईं. मधु की मौत से मेहर और उनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

जानकारी के लिए बता दें कि सौरव की बहादुरी की हर तरफ तारीफ हो रही है. मृतक बच्ची के पिता बबलू बिंद ने बताया कि चारों छात्राएं स्कूल नहीं जाकर गांव के हनुमान मंदिर के पास खेलने चली गई थीं. वहां से वे तालाब में नहाने के लिए चली गईं, जहां गहरे पानी में जाने के कारण वे डूबने लगीं. इसी समय गांव के पिंटू राउत का 10 वर्षीय बेटा सौरव कुमार ने बच्चियों को डूबता देखा और तालाब में कूद पड़ा. उसने बड़ी मेहनत से तीन बच्चियों को बारी-बारी से उनके बाल पकड़कर तालाब से बाहर निकाला.

साथ ही जब सौरव ने देखा कि मेहर बहन मधु को नहीं देख पा रही थी और रो रही थी, तो उसने फिर से तालाब में छलांग लगाकर मधु को ढूंढने की कोशिश की. लेकिन, जब वह नहीं मिली तो सौरव थक कर तालाब से बाहर आ गया. इसके बाद इस घटना की जानकारी मेहर के परिवार को दी गई. परिवार और ग्रामीणों ने मिलकर तालाब से मधु को मृत अवस्था में बाहर निकाला. इस घटना के बाद किशनपुर सरकारी विद्यालय में दो मिनट का मौन रखकर शोक प्रकट किया गया. साथ ही, सौरव कुमार की साहसिकता को मान्यता देने के लिए उसे पुरस्कृत करने का ऐलान किया गया. शिक्षक ने कहा कि सौरव ने यह साबित कर दिया है कि जीवन में हर कला की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जैसे भोजन का होना जरूरी होता है.

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