trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02793453
Home >>BH Sitamarhi

365 दिन गोभी की सब्जी... सीजन से ज्यादा ऑफ सीजन में कमाई करके विकास कर रहे अपना 'विकास'

Bihar Farmer: बिहार के सीतामढ़ी जिले के लगमा गांव के किसान विकास कुमार सालभर गोभी की खेती कर मिसाल बन गए हैं.

Advertisement
365 दिन गोभी की सब्जी
365 दिन गोभी की सब्जी
Nishant Bharti|Updated: Jun 09, 2025, 06:03 PM IST
Share

सीतामढ़ी: बिहार के किसान अब आधुनिक हो गए हैं. इसका सबसे अच्छा उदाहरण है सीतामढ़ी जिले के किसान जो अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक और नवाचार से भरपूर खेती कर रहे हैं. इस जिले को सब्जी उत्पादन के लिए विशेष पहचान मिली है और यहां के किसान नए-नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं. खासकर सब्जी की खेती में यहां का एक बड़ा वर्ग पूरी तरह से निर्भर है और अच्छी आमदनी भी कर रहा है. पानी से बचाव के लिए मेड़ बनाकर और जाल लगाकर खेती करने की तकनीक की शुरुआत भी यहीं से मानी जाती है.

इसी जिले के डुमरा प्रखंड स्थित लगमा गांव के किसान विकास कुमार इन दिनों चर्चा में हैं. वजह है उनकी अनूठी पहल. वे साल भर यानी 365 दिन गोभी की खेती करते हैं. जहां आम किसान केवल सीजन में गोभी उगाते हैं, वहीं विकास कुमार ने इसे सालभर की फसल बना दिया है. नतीजा यह है कि अब जिले में गोभी की आपूर्ति के लिए बाहर से गोभी मंगवाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. यहां तक कि ऑफ सीजन में भी जब गोभी महंगा हो जाता है, उस वक्त भी विकास ताजा गोभी लोगों को उपलब्ध कराते हैं.

विकास कुमार का कहना है कि वे पूरे साल गोभी की खेती करते हैं, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापारियों को कभी भी गोभी की कमी नहीं होती. हालांकि ऑफ सीजन में खेती करना आसान नहीं होता. इस दौरान तापमान अधिक होता है, जिससे पौधों के खराब होने की संभावना भी बढ़ जाती है. कई बार तो 50 प्रतिशत तक पौधे खराब हो जाते हैं, बावजूद इसके विकास हार नहीं मानते और लगातार मेहनत करते रहते हैं.

खरीफ सीजन में गोभी की खेती के लिए विकास कुमार विशेष सावधानियां बरतते हैं. वे खेतों की नियमित सिंचाई करते हैं और गर्मी से फसल को बचाने के लिए रासायनिक पेस्टिसाइड का कम से कम प्रयोग करते हैं. इसके अलावा वे गोभी की गुणवत्ता और स्वाद को बनाए रखने के लिए यूरिया का इस्तेमाल नहीं करते. इसके स्थान पर वर्मी कम्पोस्ट और पुराना गोबर खाद उपयोग में लाते हैं. पौधों की रोपाई से पहले प्रति चार कट्ठा जमीन में एक ट्रॉली गोबर डालकर गहरी जुताई करते हैं और एक माह बाद वर्मी कम्पोस्ट डालते हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Gold Price: पटना में सोने की कीमतों में भारी गिरावट, खरीददारों के लिए सुनहरा मौका

आमतौर पर दो महीने के भीतर गोभी तैयार हो जाती है और अच्छी गुणवत्ता के कारण इसकी बाजार में अच्छी मांग भी रहती है. सीजन में गोभी 4-5 रुपये किलो बिकती है, जबकि ऑफ सीजन में यही गोभी 40-50 रुपये किलो तक बिकती है. अपने इस नवाचार से विकास कुमार अब जिले ही नहीं, राज्यभर के किसानों के लिए प्रेरणा बन गए हैं.

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi  हर पल की जानकारी । बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}