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Chhath Puja 2024: बिहार महापर्व छठ में धर्म पर आस्था भारी, बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने दिया भगवान भास्कर को अर्घ्य

Chhath Puja 2024: लोक आस्था पर्व के साथ निर्जला रह कर पर्व मनाती है. इस पर्व में आस्था ऐसी है कि हिंदू तो हिंदू हैं इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग भी कई वर्षों से पूरी आस्था के साथ मनाते आ रहें है. बिहार के सीतामढ़ी में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग छठ पूजा कर रहें हैं. 

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Chhath Puja 2024: बिहार महापर्व छठ में धर्म पर आस्था भारी, बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने दिया भगवान भास्कर को अर्घ्य
Chhath Puja 2024: बिहार महापर्व छठ में धर्म पर आस्था भारी, बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने दिया भगवान भास्कर को अर्घ्य
Zee Bihar-Jharkhand Web Team|Updated: Nov 07, 2024, 09:56 PM IST
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सीतामढ़ीः Chhath Puja 2024: लोक आस्था पर्व के साथ निर्जला रह कर पर्व मनाती है. इस पर्व में आस्था ऐसी है कि हिंदू तो हिंदू हैं इस पर्व को मुस्लिम समुदाय के लोग भी कई वर्षों से पूरी आस्था के साथ मनाते आ रहें है. बिहार के सीतामढ़ी में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग छठ पूजा कर रहें हैं. यह तस्वीर मुरादपुर पंचायत की है. यहां दर्जनों मुस्लिम छठ घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया है.

60 वर्षीय जैमुन खातुन 25 साल से छठ पर्व करती आ रही है. आस पास के लोग बताते है कि जैमुन के पति मो. इस्लाम की तबियत खराब हो गई थी. जैमुन डॉक्टर के पास चक्कर काट कर थक चुकी थी. जैमुन ने मन्नत मांगी कि पति के स्वस्थ हो जाने पर वह छठ पर्व करेगी. जैमुन कहती है कि मन्नत पूरी होने के बाद तब से लेकर आज तक वह छठ पर्व करती आ रही है. 

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जैमुन कहती है कि पर्व मनाने में उसके पति की भाभी नाजो खातून, बेटा ताहिर, नासिर, पोता साबिर, तौफिक, जाबिर और जुनैद अली समेत सभी परिवार के सदस्य सहयोग करते है. यकीनन आस्था का यह महापर्व, हर धर्म से परे है जो आस्था के जरिए हर समुदाय के लोगों से जोड़ता है.

उल्लेखनीय है कि बुधवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की आराधना की और खरना किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया. पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को छठव्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर रहे है. घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा. इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर ’पारण’ करेंगे.
इनपुट- त्रिपुरारी शरण/आईएएनएस के साथ 

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