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Supaul News: मॉनसून के आते ही क्यों कराहने लगते हैं कोसी नदी के किनारे रहने वाले लोग? देखें रिपोर्ट

Kosi River Flood: मॉनसून आते ही कोसी नदी रौद्र रूप धारण कर लेती है और अपने रास्ते में पड़ने वाली हर चीज को बहा ले जाती है. इस कारण हर साल लाखों लोग बेघर हो जाते हैं. सुपौल में करीब 25 से 30 पंचायतों के लोग इस आपदा का सामना करते हैं.

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कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा
कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा
K Raj Mishra|Updated: Jun 25, 2025, 09:45 AM IST
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Kosi River Flood: बिहार में अब मानसून पूरे राज्य में फैल चुका है, जिसके कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ बारिश हो रही है. कई जिलों में ठनका गिरने से लोगों की जान भी चली गई. मॉनसून आते ही सुपौल में कोसी तटबंध के अंदर बसे लोगों की जिंदगी बेहाल हो जाती है. कोसी नदी की जलस्तर में जैसे-जैसे वृद्धि होती है, वैसे-वैसे ही लोगों की मुश्किलें भी बढ़ने लगती हैं. संभावित बाढ़ और विस्थापन के कारण लोगों की जिंदगी नारकीय हो जाती है. जानकार कहते हैं कि कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटबंध के अंदर बसे सुपौल जिले के छह प्रखंड बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल के करीब 25 से 30 पंचायत जिसमें कुछ पंचायत पूर्ण रूप से तो कुछ आंशिक रूप से तटबंध के अंदर हैं. वो बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. 

लोग कहते हैं कि लाखों की आवादी जो तटबंध के अंदर बसे हुए हैं. उन्हें हर साल संभावित बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है. हालांकि, बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार हर वर्ष राहत के लिए व्यापक इंतजाम किए जाते है, ताकि किसी को भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. बावजूद इसके कोसी पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो पाती. यह तस्वीर कोसी तटबंध के अंदर बसे किसनपुर प्रखंड के मौजहा की है. जहां लोग अभी से ही भयाक्रांत है. मॉनसून के दस्तक के बाद बाढ़ अवधि की अभी शुरुआत ही हुई है. लेकिन संभावित बाढ़ को लेकर लोग अभी से ही भयाक्रांत है. मौजूद लोगों ने कहा कि यह हर साल की बानगी है. बाढ़ के कारण उनकी जिंदगी नारकीय हो जाती है. घर द्वार में पानी लग जाने के कारण उनका रहन सहन पूरी तरह प्रभावित हो जाता है. ज्यादा पानी आने पर लोग अपना घर वार छोड़ ऊंचे स्थानों पर पलायन कर जाते हैं. 

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लोगों ने बताया कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि और कटाव से हर साल दर्जनों घर कोसी में समा कर विलीन हो जाते हैं. कहा कि बाढ़ और विस्थापन का दंश पिछले कई दशक से लोग पुस्त दर पुस्त झेलते आ रहे हैं. लेकिन इसका समूचित समाधान सरकार द्वारा अब तक नहीं किया जा सका है. जिससे लोगों में काफी नाराजगी है. और लोगों ने सरकार से इसकी स्थायी समाधान की मांग की है. मालूम हो कि आज सुबह छे बजे कोसी बराज से 92 हजार 640 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है लेकिन जैसे जैसे मॉनसून की बारिश होगी खासकर नेपाल प्रभाग में भारी बारिश से कोसी के जलस्तर में व्यापक वृद्धि होने लगती है.

रिपोर्ट- सुभाष चंद्रा

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