trendingNow/india/bihar-jharkhand/bihar02825115
Home >>BH West Champaran

Bagaha: खुले आसमान तले पढ़ने को मजबूर बच्चे, बगहा के देवरिया स्कूल में भवन निर्माण अधर में

बगहा के देवरिया गांव में 10+2 विद्यालय को अपग्रेड तो कर दिया गया, लेकिन आज तक भवन का निर्माण नहीं हो सका. 550 छात्र खुले आसमान के नीचे, पेड़ की छांव में पढ़ने को मजबूर हैं. पुराना भवन खंडहर हो चुका है और ऊपर से हाई टेंशन तार गुजरता है. संवेदक और JE आठ महीने से फरार हैं.

Advertisement
बगहा में शिक्षा का बदहाल चेहरा
बगहा में शिक्षा का बदहाल चेहरा
Saurabh Jha|Updated: Jul 03, 2025, 02:10 PM IST
Share

बिहार सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्कूलों के बुनियादी ढांचे को बेहतर करने का दावा कर रही हो, लेकिन बगहा 2 प्रखंड के थरूहट इलाके में स्थित राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय देवरिया की स्थिति इन दावों की पोल खोल रही है. इस स्कूल को 10+2 में अपग्रेड तो कर दिया गया, लेकिन भवन के अभाव में सैकड़ों बच्चे पेड़ की छांव में पढ़ने को मजबूर हैं.

देवरिया स्कूल में हालात इस कदर बदतर हैं कि एक कमरे में तीन-तीन कक्षाएं चल रही हैं, जबकि कई बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. ग्रामीणों ने स्कूल के लिए जमीन तो मुहैया करा दी, और शिक्षा विभाग ने भवन निर्माण के लिए राशि भी स्वीकृत की, लेकिन ठेकेदार और जूनियर इंजीनियर (जेई) की लापरवाही के चलते निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है.

स्कूल की पुरानी इमारत को परित्यक्त घोषित कर दिया गया है, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है. इसके बावजूद, बच्चे वहां साइकिल खड़ी करने और पढ़ाई करने को मजबूर हैं, जो उनकी जान के लिए खतरा बन रहा है. इमारत की छत से मलबा गिरने की घटनाएं आम हैं, और स्कूल के ऊपर से गुजरने वाला हाई टेंशन तार भी खतरे का सबब बना हुआ है. एक बार तार टूटने से स्कूल में आग भी लग चुकी है.

इस आदिवासी बहुल इलाके में कई गांवों के सैकड़ों बच्चे इसी स्कूल पर निर्भर हैं, क्योंकि नजदीकी हरनाटांड और बगहा काफी दूर हैं. ग्रामीण और स्कूल प्रबंधन ठेकेदार की लापरवाही से त्रस्त हैं. हेडमास्टर से लेकर बीईओ तक ने जेई और ठेकेदार से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

वर्ष 2016 में बने इस 10+2 स्कूल में केवल दो कमरे हैं, जिनमें कई कक्षाएं एक साथ चल रही हैं. भवन निर्माण का कार्य ठेकेदार ने अधर में छोड़ दिया और वह मौके से फरार है. बारिश के दिनों में पढ़ाई ठप हो जाती है, और चिलचिलाती धूप में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. ग्रामीणों और स्कूल प्रबंधन ने कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखकर गुहार लगाई, लेकिन स्थिति जस की तस है.

मुखिया संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा समिति की बैठकों में इस मुद्दे को बार-बार उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, बगहा 2 के अतिरिक्त बीईओ विजय कुमार यादव ने आश्वासन दिया है कि वे स्थल निरीक्षण कर डीईओ बेतिया को रिपोर्ट भेज चुके हैं और जेई से संपर्क कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने की कोशिश कर रहे हैं.

यह स्थिति बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सरकारी दावों पर सवाल खड़े करती है. जब बच्चे खुले आसमान तले पढ़ने को मजबूर हैं, तो शिक्षा के क्या मायने रह जाते हैं? ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और वे जल्द से जल्द भवन निर्माण की मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चों को सुरक्षित और बेहतर पढ़ाई का माहौल मिल सके.

ये भी पढ़ें- मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi हर पल की जानकारी. बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}