बेतिया जिला मुख्यालय में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार अचानक समाहरणालय पहुंच गए. डीएम ने एक-एक कार्यालय का औचक निरीक्षण कर कर्मियों की उपस्थिति, फाइलों की स्थिति, रोकड़-बही, पंजी, साफ-सफाई और पेयजल सुविधा की गहन जांच की. उन्होंने कर्मियों के ड्रेस कोड और पहचान पत्र भी चेक किए. डीएम ने निर्देश दिया कि हर विभाग अपने कार्य को बेहतर तरीके से संपादित करे और लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन सुनिश्चित करे.
इससे पहले डीएम धर्मेंद्र कुमार ने परिवहन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें तीन अधिकारियों और चार दलालों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस कार्रवाई के बाद पूरे बिहार में उनकी प्रशंसा हुई थी. अब उनका निरीक्षण अभियान लगातार जारी है. उनके सख्त तेवरों से बेतिया के सभी विभागों में अधिकारियों में डर का माहौल है.
निरीक्षण के दौरान डीएम ने जिन कार्यालयों के भवन जर्जर पाए, वहां के लिए भवन प्रमंडल को आवश्यक मरम्मत और निर्माण का निर्देश दिया. साथ ही, रिकॉर्ड के बेहतर रख-रखाव के लिए पर्याप्त संख्या में रैक निर्माण कराने को भी कहा. उन्होंने साफ किया कि किसी भी कार्यालय में अव्यवस्था या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
डीएम ने राजस्व शाखा, जिला जन संपर्क कार्यालय, जिला योजना कार्यालय समेत दर्जनों कार्यालयों का निरीक्षण किया. उन्होंने हर विभाग के कार्यप्रणाली को बारीकी से देखा और सभी कर्मचारियों को चेताया कि जिम्मेदारी से काम करें, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
डीएम धर्मेंद्र कुमार के निरीक्षण अभियान से बेतिया के सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है. कर्मियों में यह संदेश साफ गया है कि अब कार्यालयों में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता नहीं चलेगी. ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे डीएम की छवि अब एक सख्त और ईमानदार प्रशासक की बन गई है.
इनपुट- धनंजय द्विवेदी
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