बेतिया के एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए एक सफेदपोश अपराधी को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है. यह अपराधी, जो शहर का जाना-माना नाम रविंद्र कुमार सिंह है, भू-माफियाओं का सिंडिकेट चलाता था. जन सुराज पार्टी का नेता और बगीचा रेस्टोरेंट का मालिक रविंद्र कुमार सिंह, जिसका चेहरा समाज में काफी साफ-सुथरा माना जाता था, बेतिया पुलिस की जांच में बेनकाब हो गया है. पुलिस ने जो खुलासा किया है, वह बेहद हैरान कर देने वाला है. रविंद्र कुमार सिंह की गिरफ्तारी के बाद पूरे शहर में 'उजला कुर्ता काला कारनामा' की चर्चा तेज हो गई है.
रामदेव राम हत्याकांड का मामला
यह मामला 6 जून को बगीचा रेस्टोरेंट के पास हुई रामदेव राम की चाकू मारकर हत्या से जुड़ा है. अपराधियों ने रामदेव राम को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. इस संबंध में मुफस्सिल थाना में मामला संख्या 313/25 दर्ज किया गया था. परिजनों ने मुन्ना देवान समेत पांच आरोपियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने मुन्ना देवान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
एसपी डॉ. शौर्य सुमन की गहन जांच
इस हत्याकांड को बेतिया एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने गंभीरता से लिया और खुद इसकी जांच शुरू की. एसडीपीओ विवेक दीप के नेतृत्व में एसपी ने एक विशेष टीम का गठन किया. एसपी को यह हत्याकांड शुरू से ही संदिग्ध लग रहा था. जांच के दौरान, एसपी ने तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान का सहारा लिया. सीसीटीवी फुटेज की जब गहनता से जांच की गई, तो एसपी का शक सही निकला. इस हत्याकांड के पीछे भू-माफियाओं का एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था.
मास्टरमाइंड निकला जन सुराज नेता
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि रामदेव राम की हत्या का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि जन सुराज पार्टी का सफेदपोश नेता रविंद्र कुमार सिंह ही था. रविंद्र कुमार सिंह ने अपने साथियों मनु यादव, शिकारी यादव और अखिलेश राम के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया. बेतिया पुलिस ने रविंद्र कुमार सिंह, मनु यादव और अखिलेश राम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हत्या में इस्तेमाल की गई बाइक को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है.
धोखे की कहानी और जमीन का लालच
रामदेव राम, रविंद्र कुमार सिंह का दोस्त हुआ करता था और अपने समाज का एक जाना-माना नेता भी था. यह हत्या एक 6 कट्ठा जमीन के विवाद को लेकर हुई थी. रविंद्र कुमार सिंह को इसमें से दो कट्ठा जमीन लेनी थी, जिसके बदले में उसने रामदेव राम को एक कट्ठा जमीन देने का वादा किया था. जमीन का काम हो जाने के बाद, रविंद्र सिंह अपने वादे से मुकर गया. उस एक कट्ठा जमीन को बचाने के लिए उसने अपने ही मित्र रामदेव राम की हत्या की खौफनाक साजिश रच डाली. इस हत्या को अंजाम देने के लिए रविंद्र कुमार सिंह ने शिकारी यादव सहित अन्य अपराधियों का सहारा लिया और 6 जून की रात रामदेव राम की हत्या करवा दी. रामदेव राम बगीचा रेस्टोरेंट से खाना खाकर घर जा रहे थे तभी अपराधियों ने उन पर हमला कर दिया. रविंद्र कुमार सिंह ने ऐसी साजिश रची थी कि उसका नाम कभी सामने नहीं आता, क्योंकि रामदेव राम जमीन के एक दूसरे विवाद में फंसे थे और रविंद्र सिंह चाहता था कि हत्या का इल्जाम दूसरी पार्टी पर लगे.
पुलिस की वैज्ञानिक जांच ने खोला राज
बेतिया पुलिस ने इस मामले में वैज्ञानिक अनुसंधान का ऐसा अद्भुत सहारा लिया, जिसने सभी को हैरान कर दिया. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, लेकिन देर रात की घटना होने के कारण किसी भी अपराधी का चेहरा साफ नहीं दिख रहा था. तब एसडीपीओ विवेक दीप, मुफस्सिल थाना और तकनीकी शाखा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से तस्वीरों को साफ किया, जिससे हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान हो पाई. इसके बाद पुलिस ने टावर डंप और टावर लोकेशन के माध्यम से गिरफ्तारियां शुरू कीं, जिससे रामदेव राम हत्याकांड का एक-एक परत खुलती चली गई.
इनपुट- धनंजय द्विवेदी
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