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Jati Janganana: जो काम 60 साल में कांग्रेस नहीं कर पाई, मोदी सरकार ने 11 साल में कर दिखाया

वाल्मीकिनगर के बगहा में एनडीए नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना के फैसले का स्वागत किया गया. जेडीयू एमएलसी भीष्म सहनी और बीजेपी विधायक राम सिंह ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए पीएम मोदी और सीएम नीतीश को श्रेय दिया.

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वाल्मीकिनगर में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन
वाल्मीकिनगर में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन
Saurabh Jha|Updated: May 02, 2025, 03:42 PM IST
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नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के बगहा मुख्यालय में शुक्रवार को एनडीए घटक दलों ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में बीजेपी के सदर विधायक राम सिंह, जेडीयू के एमएलसी भीष्म सहनी सहित सभी पांच घटक दलों के पदाधिकारी मौजूद रहे.

सभी नेताओं ने एक स्वर में केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना करवाने के ऐतिहासिक निर्णय का जोरदार स्वागत किया. उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की प्रशंसा की. जेडीयू एमएलसी भीष्म सहनी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना की पहल सबसे पहले की थी, जिसे अब केंद्र ने स्वीकार कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया और कांग्रेस-राजद शासन पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक न्याय के नाम पर केवल वोट बैंक की राजनीति की.

बीजेपी विधायक राम सिंह ने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी की सरकारें 60 वर्षों तक सत्ता में रहते हुए भी ऐसा फैसला नहीं कर सकीं. अब मोदी और नीतीश की जोड़ी ने इसे हकीकत में बदला है. उन्होंने इसे देश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ और सामाजिक संतुलन की दिशा में मील का पत्थर बताया.

एनडीए की ओर से एक विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया कि 2011 की सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना (SECC) पर लगभग 5000 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. जो आंकड़े मिले, वे इतने अव्यवस्थित थे कि उनका कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं हो सका.

नेताओं ने कहा कि अब जातीय जनगणना के जरिए सभी वर्गों की भागीदारी और विकास के लिए ठोस योजना बनाई जा सकेगी. यह निर्णय सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी साबित होगा. एनडीए नेताओं ने कहा कि विपक्षी दलों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह निर्णय सर्वस्वीकृत है. उन्होंने इसे डबल इंजन सरकार की सफलता और सुशासन का प्रमाण बताया.

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