Bihar News: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-1 प्रखंड में स्थित चंद्रपुर रतवल पंचायत का एक विद्यालय भवन और कमरों समेत अन्य संसाधनों के अभाव में दर्जन भर शिक्षक स्कूल में बेकार खाली बैठते हैं. लिहाजा आपस में शिक्षकों के बीच मतभेद और गुटबाजी के कारण अब पठन पाठन पर असर पड़ने लगा है यहीं वजह है की गुरुवार को विद्यालय परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया और नाराज छात्रों के साथ अभिभावक व शिक्षक आमने सामने आ गए. इस दौरान कुछ शिक्षकों की बदस्लुकी व बदजुबानी के चलते लोगों ने जमकर बवाल किया.हंगामा के बाद चौतरवा थाने की पुलिस के साथ अंचलाधिकारी भी मौके पर पहुंची . सबसे बड़ी बात है की खुद प्रिंसिपल अनिशुर्र रहमान जो खुलासा कर रहें हैं वह चौकानें वाला है जिससे सिस्टम की नाकामी उजागर हो रहीं है.
दरअसल बगहा 1 प्रखंड के चंद्रपुर भिड़ारी उत्क्रमित 10 +2 उच्च विद्यालय के महज़ पांच कमरों में 1 से 12 क्लास तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है. नामांकित करीब 500 छात्रों के बैठने, खेलने और पढ़ने के अलावा अन्य संसाधनों का यहां अभाव है, इसी कारण यहां क्लास लगते हीं दर्जनभर शिक्षक बेकार बैठकर मोबाइल चलाते हैं या बगल के खेत खलिहान में सैर सपाटे करते हैं क्योंकि विगत पांच वर्ष पूर्व इस विद्यालय को उत्क्रमित कर 10+2 में अपग्रेड तो कर दिया गया लेकिन शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण न तो यहां भवन बनाये गए और ना हीं ग्राउंड और बाउंड्री वाल का निर्माण कराया गया, जिसके बावजूद यहां पठन पाठन भगवान भरोसे पूरा किया जा रहा है, यहीं वजह है की अब शिक्षकों में गुटबाजी चल रहीं है जिसके कारण छात्रों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है.
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बताया जा रहा है की बगहा एक प्रखण्ड के चंद्रपुर रतवल पंचायत स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंदरपुर रेता भिड़ारी के सैकड़ों स्कूली छात्रों ने एमडीएम की गुणवत्ता और विद्यालय में संसाधनों के अभाव को लेकर आक्रोशपूर्ण हंगामा किया . आक्रोशित छात्रों का कहना है कि विद्यालय में मेन्यू के मुताबिक एमडीएम नहीं बनता है, आये दिन एमडीएम में कीड़े निकलने की घटना होती है, वहीं विद्यालय में संसाधनों का घोर अभाव है,जिसमें छात्रों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नही,शौचालय की कमी व साफ सफाई नही है, पर्याप्त क्लास रूम की व्यवस्था नही होने से उन्हें भेड़ बकरी की तरह बैठना पड़ता है. छात्रों और अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय में आये दिन शिक्षकों के बीच विवाद होते रहते हैं जिससे पठन-पाठन पर काफी प्रभाव पड़ता है.
हैरत की बात है की बिहार में पंचायतवार 10+2 हाई स्कूल खोलने को वर्षों पूर्व मंजूरी मिली है लेकिन कई ऐसे पंचायत हैं जहाँ अब तक भूमि औऱ भवन के पेंच में छात्रों का भविष्य अधर में लटका है हालांकि शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर कई योजनायें चला रहा है और शिक्षकों पर हर रोज नए नए फरमान जारी किये जा रहें हैं लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर कब दुरुस्त होगा इसका जवाब मिलना अभी बाकी है. सीओ ने कहा है की शीघ्र हीं इस विद्यालय को अपना नया भवन मिलेगा . देखने वाली बात होंगी शिक्षा विभाग आगे क्या कदम उठाता है.
इनपुट: इमरान अजीज
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