पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार अब पूरी तरह एक्शन में हैं. उन्होंने जिले के सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़ा निर्देश दिया है कि वे अब अपने परिचय पत्र (ID कार्ड) को हमेशा अपने पास रखें और कार्यालय अवधि में पहनकर ही काम करें.
डीएम ने यह भी कहा है कि हर कर्मचारी के टेबल पर उनका नाम और पदनाम वाला नेमप्लेट होना अनिवार्य है. इसके साथ ही सभी को ड्रेस कोड का पालन करने और समय पर कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने को कहा गया है.
डीएम ने साफ कर दिया है कि अब बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर ही वेतन का भुगतान किया जाएगा. यानी लेट-लतीफ अफसरों की अब खैर नहीं. डीएम के इस आदेश से जिले के ब्लॉक से लेकर अंचल कार्यालयों तक हड़कंप मच गया है.
डीएम के इस आदेश के बाद जनता में खुशी की लहर है. लंबे समय से लोग शिकायत करते आ रहे थे कि ब्लॉक ऑफिस, अंचल कार्यालयों में समय पर कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं मिलता था. डीएम के इस फैसले से लोगों को उम्मीद जगी है कि अब उन्हें अपने काम के लिए अधिकारियों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
हालांकि, जनता ने यह भी सुझाव दिया है कि पंचायत सचिव, राजस्व कर्मचारी, किसान सलाहकार, पीआरएस, आवास सहायक जैसे कर्मचारी पंचायत स्तर पर ही आवासित हों, ताकि बिचौलियों की भूमिका खत्म की जा सके. लोग चाहते हैं कि सिर्फ समय पर ऑफिस पहुंचना नहीं, बल्कि गांव में रहकर काम करना भी जरूरी है.
इनपुट- धनंजय द्विवेदी
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