Chakradharpur Railway Division News: चक्रधरपुर रेल मंडल में रेल क्षेत्रों में लीज पर जगह लेकर दुकान लगाने वाले लाइसेंसी दुकानदारों का बकाया 7.5 करोड़ हो चुका है. इतनी भारी रकम रेल क्षेत्र के लाइसेंसी दुकानदारों द्वारा जमा नहीं किये जाने से मंडल पर भारी वित्तीय दबाव आ गया है. रेल मंडल पर अब ऊपर से इस बड़े राशी को वसूलने का भारी दबाव आन पड़ा है. जिसको लेकर रेलवे ने अब तक पांच दुकानों को सील कर दिया है, जबकि अन्य दुकानों को एक सप्ताह में पैसे जमा करने का अल्टीमेटम दे दिया है.
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चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय के आईओडब्ल्यू ईस्ट और वेस्ट के इलाकों में बकाया राशि वसूलने का असर देखने को मिला. चक्रधरपुर रेल मंडल के वित्त विभाग के सीनियर डीएफएम हेमंत मधुर खुद रेलवे का बकाया लाइसेंसी फीस वसूलने के लिए दुकान तक जा पहुंचे. उनके साथ एडीएफएम पारुल सिंह, एडीएफएम दीपक कुमार सहित बिजली विभाग के एसएसई रुपेश कुमार रंजन, आरपीएफ थाना प्रभारी कमलेश सोरेन सहित अन्य रेलकर्मी और आरपीएफ जवान मौजूद थे.
चक्रधरपुर के पांच मोड़ से बकाया राशि वसूलने का अभियान दोपहर से शुरू किया गया. इस दौरान अधिकारियों ने सभी रेलवे लाइसेंसी दुकानों का क्रम अनुसार बारी बारी से जांच की. जिस दुकानों का बकाया मिला उस दुकानदार को बाहर निकालकर दुकान खाली करने को कहा गया. जिस पर दुकानदारों ने कुछ समय की मोहलत रेल अधिकारियों से मांगी. सीनियर डीएफएम हेमंत मधुर ने सभी दुकानदारों को एक हफ्ते का वक्त दिया है, ताकि वे अपना बकाया लाइसेंसी फीस भर सकें.
दुकानदारों ने एक हफ्ते में बकाया राशी भुगतान का भरोसा सीनियर डीएफएम को दिया है. सभी दुकानदारों से इसको लेकर लिखित भी ले लिया गया है. जांच के दौरान चोरी की बिजली उपयोग और कमर्शियल क्षेत्र को निवास स्थल बनाने का भी मामला पकड़ाया. जिसपर कार्रवाई का दिशा निर्देश अधिकारीयों द्वारा दिया गया है. जांच के दौरान पता चला है की दुकानदारों का लाखों का बकाया है. लाख रूपये से लेकर साढ़े चार लाख रूपये का बकाया दुकानदारों ने कई सालों से कर रखा है.
लाइसेंसी फीस दुकानदारों द्वारा नियमित रूप से जमा नहीं करने से दुकानदारों का यह रकम अब बढ़ते बढ़ते लाखों का हो चूका है. जो पूरे रेल मंडल में देखा जाए तो अब साढ़े सात करोड़ रुपये का बकाया बन चूका है. रेलवे द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार चक्रधरपुर में ही आईओडब्ल्यू ईस्ट क्षेत्र के पांच मोड़ और आरई कॉलोनी के 31 दुकानों में 34 लाख रुपये का बकाया है. जबकि आईओडब्ल्यू वेस्ट के अधीन आने वाले इतवारी बाज़ार क्षेत्र के 80 से अधिक दुकानों में 48 लाख का बकाया है.
इसके अलावे राउरकेला के रेल क्षेत्र के लाइसेंसी 120 दुकानों में लगभग 2 करोड़ और बंडामुंडा के 18 लाइसेंसी दुकानों में 8 लाख रुपये का बकाया है. इसी तरह टाटानगर और झारसुगुड़ा आदि स्टेशनों में भी रेलवे का बकाया करोड़ों में है. रेलवे इस बार बकाया राशि वसूली को लेकर सख्त रूप अपनाई हुई है. सीनियर डीएफएम ने कहा है की बकाया तय समय पर दुकानदार जमा नहीं करते हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और दुकान को रेलवे अपने कब्जे में लेकर ताला लगा देगी.
रेलवे के इस सख्त तेवर से बकाया रखने वाले दुकानदार की परेशानी बढ़ गयी है. वहीं रेल साढ़े सात करोड़ रुपये के बड़े बकाया राशी का भार कम करने के लिए अब दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी. इसी के मद्देनजर प्रभात सिनेमा हॉल के पास पांच दुकानों को रेलवे ने सोमवार शाम को एक साथ सील कर दिया है. जिससे दुकानदारों में हड़कंप मचा हुआ है.
इनपुट- आनंद प्रियदर्शी
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