Karnataka: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के ज़रिए सरकारी टेंडरों में मुस्लिमों को 4 फीसद रिजर्वेशन देने के फैसले पर भाजपा लगातार हमलावर है. बीजेपी के राज्य अध्यक्ष और विधायक बीवाई विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिल चोरी-छिपे विधानसभा में पेश किया गया है और मुख्यमंत्री के 'तुगलक दरबार' की भी एक सीमा होती है.
विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए विजयेंद्र ने कहा कि यह बिल विपक्ष को दरकिनार कर पेश किया गया. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर अल्पसंख्यकों को खुश करने की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि अगर कांग्रेस को वाकई अल्पसंख्यकों की चिंता होती, तो वह पिछले 50-55 सालों में उनके लिए शिक्षा और तरक्की के लिए उपाय तलाश करती.
उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक को खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने का काम किया है. प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने जनधन खाते, उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएं चलाईं, जिनका लाभ सभी को मिला, न कि सिर्फ किसी एक समुदाय को. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के ज़रिए शुरू की गई भाग्यलक्ष्मी योजना भी सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं थी.
दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को कर्नाटक पारदर्शिता सार्वजनिक खरीद संशोधन (KTPP) बिल विधानसभा में पेश किया, जिसमें सरकारी टेंडरों में मुस्लिमों को 4 फीसद रिजर्वेशन देने का प्रस्ताव रखा गया है. राज्य के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने इस बिल को पेश करते हुए कहा कि यह बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए लाया गया है.
सरकार ने सरकारी ठेकों में अनुसूचित जाति (SC) के लिए 17.15 फीसद, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 6.95 फीसद, 2A कैटेगरी के लिए 15 फीसद और 2B श्रेणी (मुस्लिमों) के लिए 4 फीसद रिजर्वेशन देने का प्रावधान किया है. पहले यह आरक्षण सिर्फ SC और ST के लिए था, लेकिन अब मुस्लिमों को भी इसमें शामिल किया गया है. सरकारी निर्माण परियोजनाओं में यह रिजर्वेशन 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है.
(इनपुट-IANS)
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