Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में लगभग ढाई वर्षों तक एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री रहे और भाजपा ने उनके नेतृत्व में काम किया. हालांकि 2024 विधानसभा चुनाव के बाद समीकरण में पूरी तरह बदल चुके हैं. भाजपा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और इसके बाद शिंदे साइडलाइन हो गए. अब ड्राइविंग सीट पर भाजपा है और उनके पीछे एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री के तौर पर हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि तमाम नाराजगियों के बावजूद एकनाथ शिंदे अपने पसंद के मंत्रालय भी नहीं ले पाए हैं.
हालांकि हद तो तब हो गई जब भाजपा ने एकनाथ शिंदे के गढ़ 'ठाणे' में भी सेंध मारनी शुरू कर दी. भाजपा चाहती है कि एकनाथ शिंदे के गढ़ में कमल खिले. यह दावा खुद भाजपा के मंत्री ने किया है. महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता गणेश नाइक ने कहा है कि वह चाहते हैं कि भाजपा ठाणे में फूले-फले जिससे दोनों सहयोगियों (भाजपा-शिवसेना) के बीच खींचतान की अटकलें लगायी जा रही हैं.
पड़ोसी पालघर जिले के संरक्षक मंत्री नाइक ने मंगलवार को एक प्रोग्राम में कहा कि वह ठाणे में भी जन शिकायत बैठकें आयोजित करेंगे, जिससे यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि भाजपा ठाणे के अंदर शिंदे की पार्टी के प्रभुत्व को चुनौती देने की तैयारी कर रही है. नाइक ने कहा कि वह लोगों के प्रति प्रेम की वजह से गडकरी रंगायतन सभागार में ये मीटिंगें आयोजित करेंगे. उन्होंने कहा,'भाजपा का ध्यान शहर पर है. हम चाहते हैं कि ठाणे में केवल 'कमल' (भाजपा का चुनाव चिन्ह) ही फूले-फले. पार्टी ने मुझे शहर की जिम्मेदारी सौंपी है.'
नाइक और शिंदे दोनों ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना से की थी, लेकिन नाइक बाद में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व उस समय शरद पवार कर रहे थे. शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को चुनौती देकर शिवसेना के दो हिस्से कर दिए. शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी पहले से ही जिला संरक्षक मंत्री के पदों के आवंटन से नाराज है. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को नाइक का समर्थन किया.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा,'मैंने पहले ठाणे के संरक्षक मंत्री के रूप में काम किया है और मुझे शहर व जिले में शिंदे के नेटवर्क के बारे में पता है. ठाणे शिवसेना का गढ़ बना रहेगा. भाजपा नेताओं को अपनी पार्टी का विस्तार करने का अधिकार है, लेकिन कोई इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि शिवसेना ने ऐतिहासिक रूप से जिले में अपना दबदबा बनाए रखा है.'
उन्होंने भाजपा से सीधी चुनौती की संभावना को खारिज करते हुए कहा,'शिंदे और नाइक दोनों ही महायुति गठबंधन का हिस्सा रहते हुए अपनी पार्टियों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. हालात की गलत व्याख्या करने की कोई जरूरत नहीं है.'
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