State Police Arrest Central Staff: देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बार ऐसा देखा गया है कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों के बीच तालमेल को लेकर दिक्कत हो जाती है. यहां तक कि राज्य की पुलिस भी इसमें शामिल रहती है. इसी कड़ी में अब सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मामले में राज्य पुलिस द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों से संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भूयान की पीठ ने कहा कि संतुलन बनाए रखना जरूरी है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आगे यह भी जोड़ा ताकि ना तो केंद्र के अधिकारियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई हो और ना ही राज्य पुलिस को अपने अधिकार क्षेत्र में भ्रष्टाचार की जांच करने से रोका जाए.
तमिलनाडु पुलिस द्वारा ED अधिकारी को गिरफ्तार करने का मामला
असल में यह मामला तब उठा जब तमिलनाडु पुलिस ने एक ईडी अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उस पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने का आरोप है. तमिलनाडु के अतिरिक्त महाधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने कोर्ट को बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच लगभग पूरी हो चुकी है और पुलिस चार्जशीट दाखिल करने के लिए तैयार है.
आरोपी के पास निष्पक्ष जांच का अधिकार
जब आरोपी अधिकारी के वकील ने मामले में दखल देने की कोशिश की, तो तिवारी ने कहा कि आरोपी को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि जांच कौन करेगा. इस पर कोर्ट ने कहा आरोपी जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, लेकिन उसे निष्पक्ष जांच का अधिकार है.
संघीय ढांचे में संतुलन जरूरी: सुप्रीम कोर्ट
इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि संघीय ढांचे में हर घटक को अपने अधिकार क्षेत्र बनाए रखने की अनुमति मिलनी चाहिए. अगर राज्य पुलिस बदले की भावना से केंद्र सरकार के अधिकारियों को गिरफ्तार करती है, तो यह संवैधानिक संकट पैदा करेगा. लेकिन राज्य पुलिस को उनके अधिकार क्षेत्र में अपराध की जांच करने से रोकना भी उचित नहीं होगा.
ईडी अधिकारी की अंतरिम जमानत बढ़ाई गई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा कि वह दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करेगा और पुलिस शक्तियों के इन दोनों पक्षों के बीच संतुलन स्थापित करने का प्रयास करेगा. साथ ही, गिरफ्तार ईडी अधिकारी की अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया.
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