trendingNow12783279
Hindi News >>देश
Advertisement

लक्ष्मण रेखा पार न करना... जब सीडीएस ने भरे मंच से पाकिस्तान जनरल को सुनाई खरी-खरी

Shangri-La dialogue Summit 2025: पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिये कड़ा सबक सिखाया गया है. उसे आतंकवाद को लेकर भारत के संयम की सीमा के बारे में दो टूक बता दिया गया है. भारत हर वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को इसके लिए आगाह कर रहा है.

cds anil chauhan
cds anil chauhan
Amrish Kumar Trivedi|Updated: Jun 02, 2025, 02:33 PM IST
Share

भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक मंच पर आतंकवाद से बाज आने की सख्त चेतावनी दे दी है. सिंगापुर में हुए शांगरी ला डायलॉग में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुद्दा छाया रहा. इसमें सीडीएस अनिल चौहान भी शरीक हुए. उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर अब एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी दी. उन्होंने कहा, 'भारत ने जो कुछ किया है, राजनीतिक स्तर पर जो निर्णय लिया है, वो आतंकवाद को सहन न करने की एक रेड लाइन है.'मुझे उम्मीद है कि ये खास ऑपरेशन, जो सैन्य तरीके से किया गया, वो हमारे शत्रुओं के लिए सबक है. उम्मीद है कि वो जान गए होंगे कि यह भारत की सहनशीलता की सीमा है'

सीडीएस ने कहा, हम करीब दो दशकों से आतंकवाद के तौर छद्म युद्ध झेल रहे हैं. हमने बहुत सी जानें गंवाई हैं, लेकिन अब हम इस पर विराम लगाना चाहते हैं. पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमेटी के प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा भी इस सम्मेलन में थे.इस सम्मेलन में वैश्विक सैन्य विवादों, क्षेत्रीय संघर्ष जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. 

गौरतलब है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इसमें पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों को तबाह किया गया और फिर जब पाक ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की गई तो उसके एयरबेस को भी तबाह किया गया. भारत सरकार ने यह फैसला किया गया है कि ऐसा कोई भी आतंकी हमला होता है तो पाकिस्तान को ऐसे ही उसकी कीमत चुकानी होगी. वो इसे नॉन स्टेट एक्टर्स की हरकत बताकर पल्ला नहीं झाड़ सकता. जबकि उसके नेता और अफसर खुले मंच पर आतंकवादी संगठनों के नेताओं के साथ दिखते हैं. 

पाकिस्तानी जनरल मिर्जा ने का, हमें संघर्ष के समाधान की ओर बढ़ना चाहिए. फिर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के हल पर जोर दिया.

उन्होंने कहा, 'भारतीय नीतियों को देखते हुए... ऐसी आपात स्थिति से निपटने का तंत्र न होने से वैश्विक शक्तियों को हस्तक्षेप करने और शत्रुता को समाप्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सकता. ऐसे हालात में नुकसान और विनाश से बचने के लिए शायद बहुत देर न हो जाए"

मिर्जा ने कहा, जब कोई संकट नहीं होता है तो कश्मीर पर बात नहीं होती है. हम हमेशा कहते रहे हैं कि कश्मीरी अवाम की इच्छाओं के अनुरूप मुद्दे का हल हो.इससे बहुत सारे मुद्दों का समाधान निकलेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच यही मूल मुद्दा है.

जनरल ने आगे कहा कि सैन्य संघर्ष के बाद, युद्ध भड़कने की संभावना खतरनाक रूप से बढ़ गई है, जिसका अभिप्राय है कि दोनों पक्षों के लिए अधिक जोखिम है, न केवल विवादित क्षेत्र में बल्कि पूरे भारत और पूरे पाकिस्तान में. युद्ध पारंपरिक हथियारों तक सीमित रहने की संभावना भी कम हो गई है.

Read More
{}{}