India-Pakistan Conflict: भारत के CDS अनिल चौहान का कहना है कि पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश का अपने हितों को लेकर एक दूसरे के प्रति झुकाव भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. CDS ने मंगलवार 9 जुलाई 2025 को एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बारे में बात करते हुए कहा कि शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब 2 परमाणु हथियार से संपन्न देश सीधे तौर पर संघर्ष के लिए आमने-सामने आए हों.
भारत के लिए खतरा बने पड़ोसी देश
CDS अनिल चौहान ने पाकिस्तान-चीन के गठजोड़ और भारत के प्रति समान हित का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में पाकिस्तान ने अपने 70-80 प्रतिशत हथियार चीन से ही हासिल किए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चीनी कंपनियों की कमर्शियल लाइबलिटी है. वहीं हिंद महासागर के इलाके वाले देशों में आर्थिक संकट के कारण बाहरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ा है, जिससे भारत के लिए कमजोरियां खड़ी हो सकती है. जनरल चौहान कहा कि पाकिस्तान , बांग्लादेश और चीन के बीच हितों में संभावित समानता है, जिससे भारत की सुरक्षा और स्थिरता प्रभावित हो सकती है.
'आंतरिक रूप से कमजोर भारत...'
CDS ने कहा कि भारत विविधता से भरा देश है. ऐसे में इसके सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा को हम हल्के में नहीं ले सकते हैं. हमारे देश के बहुधार्मिक, बहुभाषी और बहुजातीय होने के कारण सामाजिक एकता बनाए रखना बेहद जरूरी है. आंतरिक सुरक्षा को सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में अहम स्थान मिलना बेहद आवश्यक है. उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि अगर आंतरिक रूप से भारत को कमजोर किया गया तो बाहरी खतरे अधिक असरदार हो जाएंगे.
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भारत पर प्रभाव डालेगा पड़ोसियों का रणनीतिक सहयोग
जनरल चौहान ने कहा कि अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के बीच किसी भी तरह का रणनीतिक सहयोग होता है, तो भारत पर उसका सीधा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों की ओर से साझा हित भारत के विरुद्ध रणनीतिक चुनौती खड़े कर सकते हैं. खासतौर पर तब जब बांग्लादेशी राजनीति अस्थिर है और वहां की पूर्व पीएम शेख हसीना ने भारत में शरण ली है.
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