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सरकार ने सेना प्रमुख को दे दी खुली छूट, सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी लड़ सकते हैं जंग! टेरिटोरियल आर्मी की बल्ले-बल्ले

Territorial Army: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इसी बीच केंद्र सरकार ने बहुत बड़ा फैसला किया है. इसके लिए सरकार ने एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन भी निकाला है. अब सेना चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को एक खास अधिकार दिया गया है. जानें उस अधिकार का नाम, आखिर सरकार ने उन्हें क्या दी छूट.

सरकार ने सेना प्रमुख को दे दी खुली छूट, सेना के रिटायर्ड अधिकारी भी लड़ सकते हैं जंग! टेरिटोरियल आर्मी की बल्ले-बल्ले
krishna pandey |Updated: May 09, 2025, 03:23 PM IST
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Who Is Territorial Army: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत भयंकर स्तर पर पहुंच गया है. इसी बीच केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को एक बड़ा अधिकार दे दिया है. अब सेना प्रमुख टेरिटोरियल आर्मी (टीए) के हर अफसर और जवान को अपनी जरूरत के मुताबिक अपने किसी मिशन में लगा सकता है. इनसे किसी भी तरह का काम कराया जा सकता है, जो आर्मी चाहती हो, चाहे तो रेगुलर आर्मी की मदद के लिए भी तैनात कर सकती हैं. ये फैसला रक्षा मंत्रालय ने टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948 के नियम 33 के तहत लिया है. इसके लिए बकायदा एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी किया गया है.

अब जानें आखिर क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टेरिटोरियल आर्मी यानी टीए में वो लोग होते हैं, जो अपनी आम नौकरी के साथ-साथ सेना की ट्रेनिंग लेते हैं. ये लोग जरूरत पड़ने पर देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहते हैं. अभी टीए में 32 इन्फैंट्री बटालियन हैं, जिनमें से 14 को अब अलग-अलग कमांड्स में तैनात किया जा सकता है. इनमें साउथर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, सेंट्रल, नॉर्दर्न, साउथ वेस्टर्न कमांड के अलावा अंडमान-निकोबार और आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) शामिल हैं. लेकिन ये तैनाती तभी होगी, जब इनके लिए कोई बजट सरकार दे. रक्षा मंत्रालय और इसके साथ कोई भी मंत्रालय अपने जरूरत के लिए  टेरिटोरियल आर्मी को अगर बुलाए तो उसका पैसा वही मंत्रालय को देना होगा.  

भारत सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
सरकार ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच जमकर तनाव है. भारत ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का जो प्रण लिया है, अब उसी दिशा में भारतीय सेना आगे बढ़ रही है. इसी चरण में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है. ऐसे में टेरिटोरियल आर्मी की अहमियत बढ़ जाती है. जिससे भारत के पास सैन्य शक्ति के तौर पर और ताकत बढ़ेगी, टीए के जवान न सिर्फ सुरक्षा में मदद कर सकते हैं, बल्कि रेगुलर आर्मी को भी सपोर्ट कर सकते हैं. भारत ने इस तरह के कदम उठाकर अपने मिशन को बिल्कुल साफ कर दिया है. यह नया भारत है. आतंकियों को मिट्टी में मिलाने के लिए सरकार अब कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती.

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