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BMC चुनाव की बात करते-करते उद्धव-राज की करीबी पर फिसल गई छगन भुजबल की जुबान!

Chhagan Bhujbal on Uddhav-Raj thackeray alliance: महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव की सरगर्मी के बीच एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने ऐसा बयान दिया है जो चर्चा में आ गया है. बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत का दम भरते-भरते उनकी जुबान उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की करीबी पर फिसल गई. जानें पूरी बात.

BMC चुनाव की बात करते-करते उद्धव-राज की करीबी पर फिसल गई छगन भुजबल की जुबान!
krishna pandey |Updated: Aug 05, 2025, 10:03 AM IST
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MahaYuti will win BMC polls Chhagan Bhujbal: महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को लेकर हर पार्टी ने जीत के लिए कमर कस लिया है. ठाकरे परिवार में भी दुश्मनी की दीवार गिर गई है. इसी बीच एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने ऐसा बयान दिया है जो सुर्खियां बटोर रहा है. भुजगल वैसे तो इन दिनों राजनीति में ठाकरे परिवार के विरोधी हैं, लेकिन बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत का दम भरते-भरते उनकी जुबान उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की दोस्ती पर फिसल ही गई और भुजबल ने कहा कि ठाकरे भाइयों का एक साथ आना पुरानी शिवसेना को फिर से जिंदा करने जैसा है.

भुजबल का क्या है बयान?
इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि  चाहे उद्धव-राज एक हो जाएं, महायुति ही बीएमसी में सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी. अब ये बयान सरकार के गले उतरेगा या नहीं, ये तो वक्त बताएगा लेकिन दोनों भाईयों के एक होने पर सीट बढ़ेगी यह बात तो भुजबल मान रहे हैं. 

दोनों भाइयों को बचपन से जानता हूं
न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, छगन भुजबल जो कभी शिवसेना के दिग्गज और बाल ठाकरे के करीबी थे उन्होंने कहा, “मैं उद्धव और राज को बचपन से जानता हूं. उनके एक होने से पुरानी शिवसेना की याद ताजा हो रही है.” और दोनों के साथ आने से सीटें बढ़ने वाली हैं. वैसे भुजबल का भी राजनीतिक सफर बहुत दिलचस्प है. शिवसेना से शुरूआत कर कांग्रेस, फिर शरद पवार की एनसीपी और अब 2023 में अजित पवार के साथ महायुति में इन दिनों वह शामिल हैं. विरोधी पार्टी में होने के बाद भी उनका कहना है कि ठाकरे भाइयों की एकता से विपक्ष को कुछ सीटें मिल सकती हैं, लेकिन महायुति का दबदबा बरकरार रहेगा.

ठाकरे भाइयों का मिलन, सियासत में हलचल
उधर पिछले कई सालों से उद्धव और राज ठाकरे के बीच ठनी हुई थी. लेकिन हाल ही में दोनों भाई करीब आए हैं. जुलाई में सरकार के पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मिलकर विरोध जताया. फिर 27 जुलाई को राज उद्धव के घर ‘मातोश्री’ पहुंचे और उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. 3 अगस्त को पनवेल में एक कार्यक्रम में राज, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत के साथ मंच पर दिखे. इन घटनाओं ने सियासी हलकों में चर्चा छेड़ दी कि क्या बीएमसी चुनाव में ठाकरे भाई साथ आएंगे?

राज ठाकरे का कार्यकर्ताओं को मंत्र
राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर बीएमसी चुनाव की तैयारी करने को कहा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “20 साल बाद हम भाई एक हो सकते हैं, तो आप लोग आपस में क्यों लड़ते हो? एकता रखो और मेरे अगले निर्देश का इंतजार करो.” राज ने दावा किया कि इस बार एमएनएस बीएमसी में सत्ता हासिल करेगी.

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