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चीन भी तो रूस से तेल खरीद रहा, फिर सिर्फ भारत को क्यों आंख दिखा रहे ट्रंप; तो ये है अंदर की बात

India-US Relations: रूस से सस्ता तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही भारत को आंख दिखा रहे हैं, लेकिन उन्होंने चीन पर चुप्पी साध रखी है. जबकि, चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है.

चीन भी तो रूस से तेल खरीद रहा, फिर सिर्फ भारत को क्यों आंख दिखा रहे ट्रंप; तो ये है अंदर की बात
Sumit Rai|Updated: Aug 05, 2025, 11:11 AM IST
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Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर ट्रैफिक राग अलापा है और रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा की है. ट्रंप का मानना है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसा करते भारत, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को फंडिंग कर रहा है. ट्रंप भले ही भारत को आंख दिखा रहे हैं, लेकिन उन्होंने चीन पर चुप्पी साध रखी है. जबकि, चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में चीन ने रूस से 62.6 अरब डॉलर मूल्य का तेल आयात किया, जबकि भारत ने 52.7 अरब डॉलर का रूसी तेल आयात किया.

चीन पर चुप्पी, फिर भारत को क्यों आंख दिखा रहे ट्रंप?

चीन पर चुप्पी और भारत को आंख दिखाने को लेकर विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने डोनाल्ड ट्रंप पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर भारत जितना दबाव क्यों नहीं डाल रहे हैं, जबकि चीन भी उसी हद तक रूसी तेल खरीद रहा है. रूसी तेल खरीद पर भारत पर टैरिफ में भारी वृद्धि करने की बात कहने पर रोबिंदर सचदेव ने कहा, 'इस तथ्य पर आते हुए कि वह (डोनाल्ड ट्रंप) बार-बार भारत और रूसी तेल की हमारी खरीद का जिक्र कर रहे हैं. यह विषय उनके रडार पर आ गया है और उनके निशाने पर है.'

उन्होंने यह भी कहा कि सभी देश इस 'ट्रंप नीति' का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'इसलिए यह बहुत संभव है कि ट्रंप भारत पर प्रतिबंध लगा दें. फिलहाल यह 25% है, जो काफी ज्यादा है, लेकिन दुनिया के सभी देशों के साथ यही स्थिति है. चाहे वह जापान हो, स्विट्जरलैंड हो या यूरोपीय संघ. सभी देश ट्रंप की इस नीति का सामना कर रहे हैं. इसलिए हम इसके साथ तालमेल बिठा लेंगे. लेकिन, मुद्दा यह है कि अगर अमेरिका रूसी तेल खरीदने के लिए शुल्क बढ़ाता है तो कुछ भी हो सकता है.'

चीन पर भी उतनी ही सख्ती से दबाव क्यों नहीं डाल रहे...

उन्होंने कहा, 'ट्रंप 25%, 50% कह सकते हैं. अगर वे भारत पर दबाव डाल रहे हैं तो वह चीन पर भी उतनी ही सख्ती से दबाव क्यों नहीं डाल रहे हैं? हम चीन के बारे में उनसे कुछ नहीं सुन रहे हैं. चीन भी उसी हद तक रूसी तेल खरीद रहा है. आर्थिक आधार पर देखें तो अगर हम पर 25% टैरिफ लगाया जाता है, तो भारत को 20-30 अरब डॉलर के निर्यात का नुकसान होगा.'

इन 4 वजहों से ट्रंप को चुभ रहा भारत...

1. रूस के खिलाफ भारत का खुलकर साथ न देना: ट्रंप की भारत से चिढ़ की सबसे बड़ी वजह रूस के खिलाफ भारत का खुलकर साथ न देना हो सकता है. ट्रंप के कई बार कहने के बावजूद भारत ने अमेरिका के साथ नहीं आया है. इतना ही नहीं, ट्रंप के मना करने के बावजूद भारत लगातार रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है.

2. भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर: डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करना का दावा किया है, लेकिन भारत ने इसको खारिज कर दिया है और कहा है कि सीजफायर के लिए पाकिस्तान के DGMO ने संपर्क किया था. ट्रंप इस बात से भी नाराज हो सकते हैं कि भारत ने उनकी बात का सपोर्ट नहीं किया.

3. ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम: डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम भी उन्हें भारत से दूर कर रहा है. डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के जरिए ईरान और अफगानिस्तान को नियंत्रित करने का सपना देख रहे हैं. ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है कि पाकिस्तान भविष्य में भारत को तेल निर्यात कर सकता है.

4. टैरिफ को लेकर ट्रंप के मन में संशय: भारत मुख्य रूप से दवाइयां, कपड़े, पेट्रोलियम उत्पाद, बासमती चावल, हस्तशिल्प और चमड़ा अमेरिका को निर्यात करता है. जबकि, भारत रक्षा उपकरण, एयरक्राफ्ट, कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर जैसे सामान अमेरिका से खरीदता है. ट्रंप का दावा है कि भारत भारी भरकम टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका अब तक काफी कम टैरिफ लगाता रहा है.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी एएनआई)

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