PMK Party: सियासत में कब क्या हो जाए किसी को कोई भरोसा नहीं रहता है. सत्ता की कुर्सी पाने के लिए लोग किसी भी हद तक चले जाते हैं. सदन में एक दूसरे पर चिल्लाने वाले नेता भी बाहर बैठकर एक दूसरे के साथ चाय पीते हैं. अब हम बताने जा रहे हैं पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) पार्टी के संस्थापक और उनके बेटे के बीच चल रही सियासी तकरार के बारे में. पिता- पुत्र की लड़ाई इतनी ज्यादा बढ़ गई की पिता ने पुलिस से शिकायत की है. आखिर इस सियासी तकरार के पीछे की वजह क्या है आइए जानते हैं.
पिता ने लगाई गुहार
पीएमके पार्टी के संस्थापक डॉ. एस. रामदास ने अपने बेटे डॉ. अंबुमणि रामदास के खिलाफ तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि उनके बेटे को आगामी राज्यव्यापी यात्रा के दौरान पीएमके के झंडे और उसके निशान का इस्तेमाल करने के लिए रोका जाए. बता दें कि ये यात्रा 25 जुलाई से शुरू होकर 1 नवंबर को धर्मपुरी में खत्म होगी इस दिन ही तमिलनाडु दिवस मनाया जाता है. इसका पहला चरण 25 जुलाई यानी की कल से शुरू होकर 4 अगस्त तक चलेगा.
बता दें कि 25 जुलाई को पीएमके "पसुमई थायागम दिवस" के रूप में मनाती है और इसी दिन डॉ. रामदास का जन्मदिन भी है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उनके बेटे ने इस यात्रा के लिए पार्टी की कोई मंजूरी नहीं ली है ऐसे में वो चाहते हैं कि इस यात्रा में पार्टी का न तो कोई कार्यकर्ता शामिल हो और न ही झंडे का उपयोग किया जाए. हालांकि उनकी मांग का अभी डीजीपी ने कोई जवाब नहीं दिया है. पिता- पुत्र की इस लड़ाई की पूरे प्रदेश में चर्चा है. पार्टी में चल रही कलह अब सबके सामने आ गई है.
F&Q
सवाल- पिता- पुत्र की इस लड़ाई से क्या नुकसान हो सकता है?
जवाब- पिता- पुत्र की इस लड़ाई से न केवल पार्टी कमजोर होगी बल्कि भविष्य में पार्टी का नेतृत्व किसके हाथों में जाएगा इस पर भी सवाल खड़ा होता दिखाई दे रहा है.
सवाल- पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) पार्टी की स्थापना कब हुई थी?
जवाब- पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) की स्थापना 16 जुलाई 1989 में हुई थी.
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