गुजरात में आज कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है. देश के कोने-कोने से नेता यहां पहुंचे हुए हैं. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया है कि पार्टी जल्द ही बड़े पैमाने पर संगठनात्मक फेरबदल भी करने जा रही है. जिला कांग्रेस कमेटियों को मजबूत बनाने से जुडे़ कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. ऐसे में इस अधिवेशन की महत्ता बढ़ जाती है. इस बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत पूरा केंद्रीय नेतृत्व पहुंचा हुआ है लेकिन प्रियंका गांधी वहां नहीं हैं. आखिर क्यों?
सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि पिछले दिनों वक्फ बिल पर लोकसभा में लंबी चर्चा के दौरान कांग्रेस के व्हिप के बावजूद प्रियंका गांधी नहीं आई थीं. अब वायनाड से सांसद राष्ट्रीय अधिवेशन से ही दूर हैं.
कांग्रेस बोली, 35 नेता नहीं आए
अधिवेशन से एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी ने ‘सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक’ पर विस्तारित कार्य समिति की बैठक की. इस दौरान पटेल की विरासत पर जोर देने के साथ ही संगठन की मजबूती, कई राजनीतिकि विषयों पर चर्चा की गई. बैठक में कार्य समिति के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नहीं थीं क्योंकि वह विदेश में हैं. पार्टी के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने बताया है कि प्रियंका गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष से अपनी अनुपस्थिति को लेकर पहले ही अनुमति ले ली थी. मीडिया के सवाल करने और राजनीतिक गलियारों में चर्चा को लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि मंगलवार की बैठक में कुल 35 नेता शामिल नहीं हो सके और ऐसे में सिर्फ एक (प्रियंका) को लेकर सवाल उठाना ठीक नहीं है. कार्य समिति की बैठक में कुल 158 नेता शामिल हुए थे.
सरदार हमारे हैं: कांग्रेस
हां, कांग्रेस ने गुजरात की धरती से सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपने दावे को मजबूती से रखा. पार्टी नेतृत्व की ओर से कहा गया कि देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री ‘हमारे सरदार’ हैं और पार्टी उनके बताए रास्ते पर चलते हुए सांप्रदायिकता, धार्मिक ध्रुवीकरण और विभाजन की राजनीतिक के खिलाफ संघर्ष करने के लिए कमर कस चुकी है. मुख्य विपक्षी दल ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के रिश्तों को लेकर झूठ फैलाया गया, जबकि दोनों के बीच ‘अनोखी जुगलबंदी’ थी. दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी की अगुवाई में साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी और राष्ट्र का निर्माण किया.
विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पूर्व उप प्रधानमंत्री की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष प्रस्ताव भी पारित किया गया. प्रस्ताव का शीर्षक ‘आजादी के झंडाबरदार - हमारे सरदार - वल्लभभाई पटेल’ है.
आज यानी 9 अप्रैल को गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है. इस अधिवेशन का विषय 'न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष' होगा.
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