Congress CWC Meeting: कांग्रेस पार्टी 2014 से केंद्र की सत्ता से बाहर है. 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मौजूदा सत्तारूढ़ एनडीए से करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, कांग्रेस ने 2024 के चुनाव में पिछले दो चुनावों से 2024 के आम चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन इसके बाद हाल ही संपन्न हुए कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसे लेकर कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय कार्य समिति (CWC) ने मंगलवार को गुजरात में बैठक की. इस बैठक में देशभर के कांग्रेस नेताओं ने हिस्सा लिया.
अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्रीय स्मारक में आयोजित इस मीटिंग में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ), कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नजर आए. गुजरात वही राज्य है जहां कांग्रेस पार्टी ने 30 सालों से जीत हासिल नहीं की है. यहां वे अगले दो दिनों, 8 अप्रैल और 9 अप्रैल को अपने अगले राजनीतिक कदमों पर चर्चा करेंगे.
पार्टी का टारगेट हाल ही में हुए राज्य चुनावों में मिली हार से उबरना है. अहमदाबाद 8-9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन की मेज़बानी कर रहा है. 64 सालों में यह पहली बार है कि यह आयोजन गुजरात में हो रहा है.
कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना
सम्मेलन के हिस्से के रूप में, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने आज अहमदाबाद में पार्टी की भविष्य की योजनाओं, प्रमुख राष्ट्रीय मामलों, आंतरिक संगठन और आगामी चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए विचार-विमर्श शुरू किया. सीडब्ल्यूसी की बैठक में अपने पहले संबोधन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए कहा कि 'बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने सांप्रदायिक विभाजन पैदा किया है.' खरगे ने भाजपा-आरएसएस पर राष्ट्रीय प्रतीकों के खिलाफ 'सुनियोजित साजिश. चलाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा आरएसएस से बिल्कुल अलग है और इसे विडंबनापूर्ण बताया कि एक ऐसा संगठन जिसकी स्वतंत्रता आंदोलन में 'कोई भूमिका नहीं थी' अब पटेल की विरासत पर दावा करने की कोशिश कर रहा है.
भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका कोई योगदान नहीं था. उन्होंने उन पर सरदार वल्लभभाई पटेल और पंडित जवाहरलाल नेहरू के बीच संबंधों के बारे में झूठी कहानी फैलाने का भी इल्जाम लगाया और दावा किया कि वे एक-दूसरे से असहमत थे. उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि वे एक ही सिक्के के दो पहलू थे.'
खरगे ने गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल द्वारा 1937 में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए याद दिलाया कि प्रांतीय चुनावों के दौरान, जब पंडित नेहरू कांग्रेस अध्यक्ष थे और गुजरात के युवा चाहते थे कि वे प्रचार करें, तो पटेल ने कहा था, 'जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी होकर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेगा, हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरूजी का फूलों से स्वागत करेंगे और खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे.'
देशभर के 170 नेता बैठक में होंगे शामिल
कांग्रेस की इस बैठक में सीडब्ल्यूसी सदस्य, विशेष आमंत्रित सदस्य, राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष, संसद और राज्य परिषदों के नेता, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे. सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक पर होने वाली बैठक में करीब 170 लोग शामिल होंगे. कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद एआईसीसी का सत्र 9 अप्रैल को साबरमती रिवरफ्रंट पर होगा.
AICC सम्मेलन में क्या होगी चर्चा?
2025 को 'संगठन का वर्ष' घोषित करने के बाद, कांग्रेस अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित एक योजना का अनावरण करने की तैयारी कर रही है. पार्टी अपने संगठन की मुख्य इकाइयों - जिला समितियों को अपने रिवाइवल के लिए शुरुआती बिंदु के रूप में देख रही है.
इन समितियों को ज्यादा निर्णय लेने की ताकत देने का प्रस्ताव 'न्यायपथ' विषय पर आधारित सेशन के दौरान घोषित किए जाने की संभावना है. मंगलवार को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक और बुधवार को AICC की आम सभा की बैठक के दौरान इस पर ध्यान दिया जाएगा.बैठक का मुख्य फोकस स्थानीय इकाइयों को ज्यादा ताकत देने, गठबंधनों का प्रबंधन करने और जनता तक पहुंच बढ़ाने पर होगा. इन विषयों के सम्मेलन के दौरान पारित प्रस्तावों का हिस्सा होने की उम्मीद है.
कांग्रेस ने अहमदाबाद अधिवेशन के थीम का किया ऐलान
पार्टी ने घोषणा की है कि अहमदाबाद अधिवेशन 'न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष' थीम के तहत आयोजित किया जाएगा. 9 अप्रैल को मुख्य कार्यक्रम में 1,700 से अधिक AICC सदस्यों के शामिल होने की उम्मीद है, जो साबरमती आश्रम और कोचरब आश्रम के बीच साबरमती नदी के पास होगा.
बिहार समेत इन राज्यों में होने वाले हैं चुनाव
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में करारी हार मिली.यही कारण है कि पार्टी के सदस्य अहमदाबाद सत्र को बदलाव के लिए नेतृत्व के कमिटमेंट की परीक्षा के रूप में देख रहे हैं. वहीं, इस साल बिहार और 2026 में केरल, पश्चिम बंगाल, असम और तमिलनाडु में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह सेशन कांग्रेस पार्टी के रास्ते को आकार देने में मदद कर सकता है.
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