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क्रांतिकारी या उग्रवादी? बंगाल यूनिवर्सिटी के पेपर में ये क्या पूछ लिया? भाजपा ने ममता सरकार को घेरा

Shubhendu Adhikari: पश्चिम बंगाल की सियासत में पक्ष और विपक्ष के बीच में अक्सर तकरार देखी जाती है. अब प्रदेश के विद्यासागर विश्वविद्यालय के इतिहास ऑनर्स के छठे सेमेस्टर के एग्जाम पेपर के एक सवाल पर बवाल मचा है. इसे लेकर बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. 

क्रांतिकारी या उग्रवादी? बंगाल यूनिवर्सिटी के पेपर में ये क्या पूछ लिया? भाजपा ने ममता सरकार को घेरा
Abhinaw Tripathi |Updated: Jul 11, 2025, 03:31 PM IST
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Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की सियासत में पक्ष और विपक्ष के बीच में अक्सर तकरार देखी जाती है. दोनों एक दूसरे के ऊपर जमकर निशाना साधते रहते हैं. इसी बीच प्रदेश के एक यूनिवर्सिटी के इतिहास के पेपर को लेकर जमकर बवाल मचा है. एग्जाम पेपर में एक सवाल पूछा गया था कि मिदनापुर के तीन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स के नाम बताओ,जिन्हें आतंकवादियों ने मारा? इसके जवाब में जिन लोगों का नाम था वो घमासान मचाने वाला है. बीजेपी ने प्रदेश सरकार के ऊपर जमकर निशाना साधा है. जानें पूरा मामला. 

पूछा गया था सवाल
विद्यासागर विश्वविद्यालय के इतिहास ऑनर्स छठे सेमेस्टर के प्रश्न पत्र में पूछा गया था कि मिदनापुर के तीन डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स के नाम बताओ,जिन्हें आतंकवादियों ने मारा? जिसका जवाब था बिमल दासगुप्ता, ज्योति जीवन घोष, प्रद्योत भट्टाचार्य और प्रबंशनु पाल. इन्हें प्रश्नपत्र में आतंकियों के रूप से दिखाया गया है जबकि इन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. बता दें कि बर्ग (1933), पेड्डी (1931) और डगलस (1932) को भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने निशाना बनाया था. 

बीजेपी ने साधा निशाना
इस सवाल के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा सरकारी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने वीर क्रांतिकारियों को उग्रवादी और आतंकवादी बताकर एक बार फिर हमारे पूज्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है. इसके अलावा अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नहीं है जब परीक्षाओं में यह विवादास्पद प्रश्न पूछा गया हो. उन्होंने दावा किया कि 2023 में भी ऐसा ही प्रश्न पूछा गया था.

 

यूनिवर्सिटी ने दी सफाई
मामले को बढ़ता हुआ देख यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार जेके नंदी ने इसे ‘टाइपिंग मिस्टेक’ बताया है. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी है और कहा है कि हमने इसकी जांच के लिए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है.उन्होंने ये भी कहा कि आगे कभी ऐसी गलती नहीं होगी. इसे लेकर वाइस चांसलर ने भी जांच के आदेश दिए है और अगले हफ्ते रिपोर्ट मांगी है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वालों पर क्या एक्शन लिया जाता है. 

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