दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए झटका है तो वहीं, कांग्रेस के लिए सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. ऐसा हाल, आखिर क्यों? चाय की दुकानों से लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस के भविष्य पर कहा और सुना जा रहा है. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी एक सीट भी नहीं जीत सकी. अब पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल किया है. उन्होंने दिल्ली में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर खुलकर लिखा है.
बिहार के कटिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी की रणनीति, भविष्य की योजना समेत कई बातें स्पष्ट करने का तल्ख सवाल किया है. बिहार के सांसद की पीड़ा यूं ही नहीं है. अगले कुछ महीने में बिहार में चुनाव हैं और उन्होंने गठबंधन राजनीति पर जो कहा है, उसके मायने हैं.
कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे।
साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।@INCIndia @INCSandesh
— Tariq Anwar (@itariqanwar) February 10, 2025
हां, कांग्रेस सांसद ने कहा, 'कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है. उन्हें तय करना होगा कि वे गठबंधन की राजनीति करेंगे या अकेले चलेंगे. साथ ही, पार्टी के संगठन में मूलभूत परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है.' तारिक अनवर ने कांग्रेस पार्टी को टैग करते हुए यह बात कही है.
बिहार में भी झटका लगेगा?
दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ा था. राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है क्योंकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी. यहां पार्टी को केवल 6 फीसदी से अधिक वोट मिले. ऐसी संभावना है कि दिल्ली में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन का असर बिहार में देखने को मिल सकता है. बिहार में RJD अब कांग्रेस को कम सीटें देने की तैयारी में है.
दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे. दिल्ली में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है. भगवा दल ने दिल्ली की 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर सिमट गई.
कांग्रेस के लिए आगे भी परीक्षा
कांग्रेस के लिए एकमात्र सांत्वना यह है कि दिल्ली में उसके मत प्रतिशत में मात्र 2 फीसदी का मामूली सुधार हुआ है. हालांकि यह एक चेतावनी भी है. कांग्रेस को अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कमर कसनी है, जो कुछ ही महीनों में होने हैं. पार्टी बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन में है. कहीं ऐसा न हो दिल्ली का असर बिहार में गठबंधन पर भी पड़े. इतना तो जरूर है कि बार्गेनिंग पावर लालू प्रसाद यादव की पार्टी की बढ़ गई है. (एजेंसी)
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