Delhi High Court: देश की राजधानी दिल्ली में न्यायपालिका से जुड़ा एक बड़ा प्रशासनिक फैसला सामने आया है. दिल्ली की निचली अदालतों में कार्यरत 135 जजों का तबादला कर दिया गया है. इसमें वे जज भी शामिल हैं, जो दिल्ली दंगों और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे चर्चित मामलों की सुनवाई कर रहे थे. दिल्ली हाईकोर्ट की वेबसाइट पर इस बड़े फेरबदल की अधिसूचना आधिकारिक रूप से जारी कर दी गई है.
इस तबादले में कड़कड़डूमा कोर्ट के दो महत्वपूर्ण जज एएसजे समीर बाजपेयी और एएसजे पुलस्त्य प्रमाचला का नाम भी शामिल है. ये दोनों जज उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे थे. इन मामलों में कई हाई-प्रोफाइल नाम सामने आए थे जैसे शरजील इमाम, उमर खालिद, ताहिर हुसैन, खालिद सैफी और सफूरा जरगर. इन पर यूएपीए जैसी कड़ी धाराएं लगी हैं. एएसजे समीर बाजपेयी को अब साकेत कोर्ट में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया है.
इसी तरह एएसजे पुलस्त्य प्रमाचला जो कई संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे थे, अब उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में जिला जज (कमर्शियल कोर्ट) बनाया गया है. प्रमाचला उन जजों में से थे जिन्होंने दंगों के मामलों में गहराई से सुनवाई की और अहम टिप्पणियां भी की थीं. सिर्फ दंगों से जुड़े ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के बड़े मामलों की सुनवाई करने वाले जज भी इस ट्रांसफर लिस्ट में शामिल हैं. राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई जज संजीव अग्रवाल जो अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले की सुनवाई कर रहे थे, उन्हें तीस हजारी कोर्ट में कमर्शियल कोर्ट का जिला जज बनाया गया है. हाल ही में उन्होंने इस मामले में सात साल से ट्रायल शुरू न होने पर नाराजगी जताई थी.
इस बड़े बदलाव को लेकर अब कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. लोग जानना चाहते हैं कि क्या ऐसे संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रहे जजों का अचानक तबादला होना सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला है या इसके पीछे कुछ और वजहें भी हैं.
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