Building Collapsed in Mustafabad: दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके की शक्ति विहार गली नंबर-1 में शुक्रवार देर रात एक ऐसा मंजर सामने आया, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया. आधी रात के करीब ढाई बजे जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तभी एक चार मंजिला इमारत भरभराकर गिर पड़ी. इस इमारत में रहने वाले 22 लोगों को पता भी नहीं था कि यह रात उनकी जिंदगी की सबसे खौफनाक रात बनने वाली है.
इस इमारत का मालिक हाजी तासिन था, जो खुद भी अपने परिवार के साथ इसी इमारत में रहता था. बताया जा रहा है कि इमारत में दो बेटे, उनकी पत्नियां और छह बच्चों समेत तासिन का पूरा परिवार मौजूद था. पड़ोसियों के मुताबिक बड़ी बहू के तीन बच्चे थे और छोटी बहू के भी तीन. सब अपने-अपने कमरों में सोए हुए थे, किसी को अंदाजा नहीं था कि इमारत की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि वो नींद में ही लोगों को हमेशा के लिए सुला देगी. घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी. सुबह तीन बजे के आसपास रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और एनडीआरएफ, दिल्ली फायर सर्विस व पुलिस ने राहत कार्य शुरू किया. मलबे से 14 लोगों को बाहर निकाला गया और तुरंत जीटीबी अस्पताल ले जाया गया. लेकिन दुखद बात यह रही कि डॉक्टरों ने उनमें से चार लोगों को मृत घोषित कर दिया. अभी भी 8 से 10 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है और रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से जारी है.
हाजी तासिन का परिवार इस हादसे से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. एक ही झटके में उसका घर, परिवार और जीवन की खुशियां सब कुछ मलबे में दब गईं. मोहल्ले में मातम पसरा है, लोग गम और हैरानी में डूबे हैं. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि जो इमारत रोज उनके सामने खड़ी होती थी, वो अचानक यूं ढह जाएगी. इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ा है, बल्कि उन सवालों को भी फिर से खड़ा कर दिया है जो दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों और लापरवाह निर्माण कार्यों से जुड़े हुए हैं. अब सबकी नजर प्रशासन और रेस्क्यू टीम पर ह. क्या वो और जिंदगियों को बचा पाएंगे या फिर ये मलबा और भी कहानियों को अपने नीचे दफना देगा.
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