Delhi News: दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान AAP के विधायकों ने एक गंभीर मुद्दा उठाया है, जो संबंधित है बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने को लेकर. इस मुद्दे को लेकर AAP विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधानसभा अध्यक्ष और सत्तारूढ़ दल की आलोचना की है.
बाबा साहब की तस्वीर को हटाना
संजीव झा ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले ही दिन बाबा साहब की तस्वीर को हटा दिया गया और उसके स्थान पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाई. इस बदलाव को लेकर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपनी चिंता जाहिर की, लेकिन अध्यक्ष ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया. इसके बाद, उन्होंने अगले दिन भी इस विषय पर स्पीकर से निवेदन किया कि बाबा साहब की तस्वीर को वापस लगाया जाए, लेकिन उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसके बाद उन्हें और अन्य आप विधायकों को सत्र से बाहर निकाल दिया गया. संजीव झा ने कहा कि वे बाबा साहब का अपमान बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस मुद्दे पर वे कोई भी समझौता नहीं करेंगे. वहीं हमने भाजपा से मांग है कि बाबा साहब की तस्वीर वापस लगाई जाए नहीं तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे. आप हमारी आवाज को दबा सकते है, सदन के बाहर हम अपनी आवाज रखेंगे विधानसभा का अध्यक्ष सबका होता है. स्पीकर विजेंद्र गुप्ता जिम्मेदार हैं. हाउस के सभी सदस्य को एक तरह से देखें.
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निलंबन और विरोध
कुलदीप कुमार ने कहा कि उन्हें सत्र से 3 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने सदन में "जय भीम" के नारे लगाए थे. उनका कहना था कि उनकी आवाज उठाने का कारण यह था कि सदन में बाबा साहब की तस्वीर को हटाने का निर्णय लिया गया, जबकि पीएम मोदी के नारे लगाए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय, जो बाबा साहब की तस्वीर हटाने का था, शायद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का था और यह बाबा साहब अंबेडकर से नफरत करने का प्रतीक है. कुलदीप कुमार ने कहा कि यह शुरुआत है और अगर अब विरोध नहीं किया गया तो यह लोग बाबा साहब की प्रतिमा को भी हटा सकते हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह संविधान से नफरत करती है और इस नफरत को वे खुलेआम जाहिर कर रहे हैं.