Delhi Politics: दिल्ली की सड़कों पर हाल ही में उतारी गई 'देवी' नाम की मोहल्ला बसों को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि इन बसों के संचालन में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बसें पहले ही अक्टूबर 2024 में आप सरकार में दिल्ली आ चुकी थीं और ट्रायल भी शुरू हो चुका था, लेकिन 'मेक इन इंडिया' की शर्तें पूरी न होने के कारण इन्हें तब सड़कों पर नहीं उतारा गया.
केंद्र सरकार ने bus का टेंडर बनाया, पैसा दिल्ली सरकार का था
- केंद्र द्वारा Make in India अनिवार्य Tendor Condition थी
- Vendor के पास Certificate नहीं था, क्योंकि Make In India component 50% नहीं थे
अब भाजपा सरकार बताए , ये खड़ी हुई बसों में “Made in India” component किसने… https://t.co/LeAZYYnnyQ
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) May 4, 2025
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब उन्हीं बसों को अप्रैल 2025 में बीजेपी सरकार ने दोबारा उद्घाटन कर सड़कों पर उतार दिया. भारद्वाज ने सवाल उठाया कि अगर बसें पहले शर्तों का पालन नहीं कर रही थीं, तो अब कैसे चलने लगीं? क्या इनमें बदलाव किए गए या सिर्फ दिखावे के लिए उद्घाटन कर जनता को गुमराह किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का दोहरा उद्घाटन पहले भी हो चुका है. जब 2015 से चल रहे GPS युक्त वाटर टैंकरों का भी बीजेपी सरकार ने दोबारा उद्घाटन किया था. दिल्ली में हजारों टैंकर पहले से GPS से लैस हैं, लोग उन्हें मोबाइल से ट्रैक कर सकते हैं. फिर भी बीजेपी ने उन्हीं टैंकरों को दोबारा लॉन्च कर पैसा बर्बाद किया.
'देवी' बसों के बारे में उन्होंने बताया कि ये बसें केंद्र सरकार की कंपनी CESL (कंवर्जन एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड) ने खरीदीं, लेकिन भुगतान दिल्ली सरकार ने किया. ऐसा इसलिए किया गया ताकि भविष्य में बीजेपी भ्रष्टाचार का झूठा आरोप न लगा सके. लेकिन अब उन्हीं बसों के उद्घाटन को बीजेपी अपनी उपलब्धि बता रही है, जबकि असल में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी. सबसे अहम सवाल यह है कि क्या अब इन बसों ने 'मेक इन इंडिया' की शर्तें पूरी कर ली हैं. क्या इनके पुर्जे बदले गए हैं. अगर नहीं, तो टेंडर की शर्तों का उल्लंघन कर इन्हें सड़क पर कैसे उतारा गया. इस पूरे मामले में सौरभ भारद्वाज ने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि दिल्ली की जनता को सच्चाई पता चल सके और जनता के पैसों की बर्बादी रोकी जा सके.
ये भी पढ़िए - अब छोटे प्लॉट पर भी लगेगा उद्योग, GDA की नई योजना से मिलेगा व्यापार को बढ़ावा