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फीस वृद्धि या शिक्षा माफिया की वापसी? AAP का BJP सरकार पर सीधा हमला, CBI जांच की कर दी मांग

Private Schools Hiked Fees: आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि 2015 में जब अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी थी, तब निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए एक सख्त फीस नियंत्रण व्यवस्था लागू की गई थी.  

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Delhi schools: फीस वृद्धि या शिक्षा माफिया की वापसी? AAP का BJP सरकार पर सीधा हमला, CBI जांच की कर दी मांग
Delhi schools: फीस वृद्धि या शिक्षा माफिया की वापसी? AAP का BJP सरकार पर सीधा हमला, CBI जांच की कर दी मांग
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Apr 06, 2025, 11:50 AM IST
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Delhi Schools: दिल्ली की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है. इस बार मुद्दा है-'निजी स्कूलों में अचानक हुई फीस वृद्धि', जिसने अभिभावकों की जेब पर सीधा असर डाला है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मसले पर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. आप नेताओं का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अराजकता फैला दी है और निजी स्कूलों को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने की खुली छूट दे दी है.

शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को शिक्षा माफिया के हवाले कर दिया है. जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार आई है, आम लोग लगातार परेशान हैं- कभी अस्पतालों में दवाइयों की कमी, कभी बिजली कटौती और अब निजी स्कूलों की फीस वृद्धि ने अभिभावकों की कमर तोड़ दी है. सिसोदिया ने दावा किया कि कई निजी स्कूलों में फीस में 20% से लेकर 82% तक की बढ़ोतरी की गई है, जो पूरी तरह से अव्यवस्थित और अनुचित है. उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 10 वर्षों में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, तब फीस पर नियंत्रण था, लेकिन भाजपा के शासन में आते ही शिक्षा माफिया फिर से सक्रिय हो गया है.

इसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने लिखा कि 2015 के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई थी. फीस नियंत्रण प्रणाली लागू की गई थी. अब भाजपा सरकार आते ही वही स्कूल बिना किसी रोकटोक के फीस बढ़ा रहे हैं। क्या यह मिलीभगत का मामला नहीं है. आप नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि पिछले एक दशक से फीस न बढ़ाने वाले कई स्कूलों ने अचानक एक महीने के भीतर भारी वृद्धि कैसे कर दी? क्या इसके पीछे भाजपा सरकार की सहमति है.

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एक अखबार की कतरन साझा करते हुए लिखा कि हमने 10 साल में शिक्षा माफिया को खत्म किया था. अब भाजपा सरकार बनते ही वह फिर लौट आया है. AAP ने साफ कर दिया है कि यह मुद्दा केवल फीस वृद्धि का नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश है और इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है.

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