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Delhi: AAP रोहिणी से नहीं उतारेगी प्रत्याशी अगर... आतिशी ने सरेआम विजेंद्र गुप्ता को दिया एक ऑफर

Delhi Assembly Winter Session: दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आप सरकार ने बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए एक बड़ा राजनीतिक दांव खेल दिया. उन्होंने बीजेपी नेता को विधानसभा सत्र के दौरान एक ऐसा ऑफर दे दिया, जिसके पूरा होने का फायदा चुनाव में AAM ADMI PARTY को मिल सकता है.

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Delhi: AAP रोहिणी से नहीं उतारेगी प्रत्याशी अगर... आतिशी ने सरेआम विजेंद्र गुप्ता को दिया एक ऑफर
Deepak Yadav|Updated: Nov 29, 2024, 05:36 PM IST
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Delhi CM Atishi: दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा विधायक दल के नेता (LoP) विजेंद्र गुप्ता को सरेआम एक ऑफर दे दिया. उन्होंने कहा कि यदि विजेंद्र गुप्ता बस मार्शलों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर एलजी से साइन करा लेते हैं तो वह अपने पार्टी (AAP) को कहेंगी कि रोहिणी से कोई कैंडिडेट न उतारे. लगे हाथ आतिशी ने गुप्ता के लिए प्रचार करने की भी पेशकश कर दी. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आतिशी के इस ऑफर को आम आदमी पार्टी का बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है. 

बस मार्शलों के लिए उठाई आवाज 
सत्र के दौरान बस मार्शलों की नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया गया. मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि विजेंद्र गुप्ता बार-बार आरोप लगाते हैं कि बस मार्शलों को हटाने का निर्णय तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का था. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भी मुख्यमंत्री हैं और उन्होंने एलजी से बस मार्शलों को वापस लगाने की गुजारिश की है.

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मेरे लिए सीट नहीं, महिलाओं की सुरक्षा जरूरी 

आतिशी ने जोर देकर कहा कि उनके लिए एक सीट मायने नहीं रखती, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि 13 नवंबर को भेजा गया प्रस्ताव एलजी द्वारा तुरंत पास किया जाना चाहिए. यह महिलाओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक है.

व्यक्तिगत अनुभव किया साझा 
मुख्यमंत्री ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई की है और महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को भलीभांति समझती हैं. उन्होंने कहा कि नेता अपने काफिले में चलते हैं और उन्हें महिलाओं के दर्द का अहसास नहीं होता.

केजरीवाल ने समझा दर्द  
आतिशी ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने दिल्ली की महिलाओं और लड़कियों के दर्द को समझा और उनके लिए बेहतर विकल्प प्रस्तुत किए. यह दिल्ली की महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद का संकेत है.

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