trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02698362
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Delhi High Court: अब खाने के बिल में नहीं जोड़ा जाएगा सर्विस चार्ज, हाईकोर्ट का सख्त आदेश

Consumer Protection Act: दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर लेकर आया है. अब ग्राहक सिर्फ उसी सेवा के लिए भुगतान करेंगे, जिसके लिए उन्होंने सहमति दी हो. रेस्तरां मालिक अब बिल के साथ अनिवार्य रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकेंगे और ग्राहकों को उनकी मर्जी से टिप देने या न देने का पूरा अधिकार होगा.  

Advertisement
Delhi High Court: अब खाने के बिल में नहीं जोड़ा जाएगा सर्विस चार्ज, हाईकोर्ट का सख्त आदेश
Delhi High Court: अब खाने के बिल में नहीं जोड़ा जाएगा सर्विस चार्ज, हाईकोर्ट का सख्त आदेश
PUSHPENDER KUMAR|Updated: Mar 29, 2025, 07:24 AM IST
Share

Delhi High Court: रेस्तरां में खाने के बिल के साथ सेवा शुल्क (सर्विस चार्ज) जोड़ने की अनिवार्यता को लेकर उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने रेस्तरां संघों (Restaurant Associations) द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया कि खाने के बिल के साथ अनिवार्य रूप से सर्विस चार्ज जोड़ना अवैध है. हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act) का उल्लंघन करता है, इसलिए इस पर रोक जारी रहेगी.

कोर्ट ने रेस्तरां संघों पर लगाया जुर्माना
इस फैसले के साथ ही हाईकोर्ट ने रेस्तरां संघों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि इन संगठनों ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को चुनौती दी थी. अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि CCPA केवल एक सलाहकार निकाय नहीं है, बल्कि उसके पास अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने का कानूनी अधिकार है.

उपभोक्ताओं के अधिकार ज्यादा महत्वपूर्ण
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ताओं के अधिकार रेस्तरां मालिकों के अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि समाज का हित सर्वोपरि है और रेस्तरां को उपभोक्ताओं पर जबरदस्ती सेवा शुल्क थोपने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

क्या है सीसीपीए का निर्देश?
सीसीपीए ने चार जुलाई 2022 को एक दिशा-निर्देश जारी किया था, जिसमें होटलों और रेस्तरां को 'स्वतः या डिफॉल्ट रूप से' सेवा शुल्क लगाने से प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस फैसले के बाद रेस्तरां मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, अदालत ने अब सीसीपीए के निर्देश को पूरी तरह वैध ठहराया और इसे लागू करने का आदेश दिया.

ग्राहकों की मर्जी पर होगा सर्विस चार्ज
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई रेस्तरां अपने मेनू कार्ड या किसी अन्य स्थान पर स्पष्ट रूप से यह लिखता है कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक होगा, तो ग्राहक अपनी इच्छा से इसे दे सकते हैं. लेकिन ग्राहकों को जबरदस्ती सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

क्या होगा आगे?
इस फैसले के बाद अब रेस्तरां ग्राहकों से बिल में सर्विस चार्ज जोड़कर वसूली नहीं कर सकेंगे. यदि कोई रेस्तरां इस नियम का पालन नहीं करता है तो केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.

ये भी पढ़िए- YEIDA Plot Scheme 2025: बढ़ी कीमतों के बीच कहां करें निवेश? जानें पूरी जानकारी

Read More
{}{}