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Haryana News: 8500 क्यूसेक पानी पर फिर गरमाई सियासत, हरियाणा को आज मिल सकती है राहत

Bhakra Dam dispute: हरियाणा को भाखड़ा डैम से 8500 क्यूसेक पानी दिया जाएगा. पंजाब सरकार का कहना है कि वह पहले से ही अपने हिस्से का 4000 क्यूसेक पानी हरियाणा को दे रही है, ऐसे में अब 8500 क्यूसेक देने का फैसला उसकी चिंता को नजरअंदाज करने जैसा है.  

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Haryana News: 8500 क्यूसेक पानी पर फिर गरमाई सियासत, हरियाणा को आज मिल सकती है राहत
Haryana News: 8500 क्यूसेक पानी पर फिर गरमाई सियासत, हरियाणा को आज मिल सकती है राहत
PUSHPENDER KUMAR|Updated: May 01, 2025, 08:43 AM IST
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Chandigarh News: हरियाणा को लंबे समय से उसके हिस्से के पानी का इंतजार है और अब इस दिशा में एक अहम मोड़ आया है. सूत्रों के मुताबिक आज शाम तक हरियाणा को भाखड़ा डैम से पानी छोड़ा जा सकता है. यह फैसला भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) की टेक्निकल कमेटी की बैठक के बाद लिया गया है. जिसमें हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के साथ केंद्र सरकार के पावर और वॉटर रिसोर्स मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.

बैठक में बहुमत के आधार पर निर्णय लिया गया कि हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी दिया जाएगा. हालांकि, पंजाब ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. पंजाब सरकार ने कहा है कि वह पहले से ही अपने हिस्से में से हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी दे रहा है, ऐसे में 8500 क्यूसेक देने का फैसला उसकी चिंताओं की अनदेखी करता है. गौरतलब है कि यह मामला 23 अप्रैल को भी टेक्निकल कमेटी की बैठक में उठा था, जहां हरियाणा ने अपनी डिमांड रखी थी लेकिन पंजाब ने उस समय कोई डिमांड नहीं भेजी. इसी कारण डैम से पानी नहीं छोड़ा गया. आमतौर पर टेक्निकल कमेटी की बैठक 15 दिन या एक महीने के अंतराल पर होती है और उसी के आधार पर पानी वितरण का निर्णय होता है.

इस बार की बैठक में हिमाचल प्रदेश ने हिस्सा नहीं लिया. लेकिन केंद्र के दोनों प्रतिनिधियों के हरियाणा और राजस्थान के पक्ष में होने के कारण, बहुमत हरियाणा के पक्ष में गया. इसी के चलते अब हरियाणा की ओर से फिर से 8500 क्यूसेक पानी की मांग आधिकारिक रूप से भेजी जा रही है, और आज शाम तक पानी छोड़े जाने की संभावना है. यह मुद्दा एक बार फिर पानी के बंटवारे को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रही पुरानी तनातनी को उजागर करता है. जहां एक तरफ हरियाणा को उसके हिस्से का पानी पाने की उम्मीद है, वहीं पंजाब इसे अपने हिस्से पर चोट मान रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में यह विवाद और अधिक राजनीतिक रंग भी ले सकता है.

इनपुट- विजय राना 

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