trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02673929
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Bhiwani News: मिड-डे-मील वर्करों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, वेतन में देरी पर जताई नाराजगी

Haryana News: भिवानी में मिड-डे-मील वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. मिड-डे-मील वर्करों की जिला प्रधान राजबाला ने कहा कि मिड-डे-मील वर्करों को हर महीने केवल 7,000 रुपये वेतन मिलता है, जिसमें से 1,000 रुपये काट लिए जाते है.

Advertisement
Bhiwani News
Bhiwani News
Zee Media Bureau|Updated: Mar 08, 2025, 08:36 PM IST
Share

Bhiwani News: शनिवार को भिवानी में मिड-डे-मील वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी वर्कर शहर के नेहरू पार्क में इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. उन्होंने अपनी मांगें जल्द पूरी करने का आग्रह किया, अन्यथा उन्होंने विरोध को और तेज करने की चेतावनी दी.

इतना मिलता है वेतन
मिड-डे-मील वर्करों की जिला प्रधान राजबाला ने कहा कि मिड-डे-मील वर्करों को हर महीने केवल 7,000 रुपये वेतन मिलता है, जिसमें से 1,000 रुपये काट लिए जाते हैं. उन्होंने बताया कि उनका वेतन समय पर नहीं मिलता, जिससे उनको पैसों की काफी दिक्कत होती है.  उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने का दावा करती है, लेकिन इस प्रकार की स्थिति से यह साबित होता है कि सरकार महिला कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील है.

ये भी पढ़ें- Holi: श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि इस भगवान ने सबसे पहले खेली थी होली,जानें कथा और इतिहास

कर्मचारियों की ये है समस्या 
राजबाला ने कहा कि मिड-डे-मील वर्करों को सालभर में केवल 10 महीने का वेतन मिलता है, जबकि दूसरे कर्मचारियों और योजनाओं में शामिल महिलाओं को 12 महीने का वेतन मिलता है. इसके अलावा, मिड-डे-मील वर्कर पिछले दो दशकों से नियमितीकरण की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. विरोध करने वाले मिड-डे-मील वर्करों ने सीएम को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं का समाधान जल्दी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी ड्यूटी केवल भोजन बनाने की है, लेकिन अक्सर उनसे अन्य कार्य भी करवाए जाते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें एक रुपया भी नहीं मिलता, जबकि अन्य कर्मचारियों को यह लाभ मिलता है. उनकी मेन मांग यह है कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान जल्द किया जाए. मिड-डे-मील वर्करों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपने विरोध को और तेज कर सकती हैं.

Input- NAVEEN SHARMA

Read More
{}{}