JBT Recruitment Corruption: भिवानी में सरकारी टीचर आनंद घनघस ने हरियाणा कि पूर्व कांग्रेस सरकार पर पैसे देकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है. 12 साल बाद कोर्ट से न्याय मिलने के बाद उन्होंने पूर्व CPS रामकिशन फौजी सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपये के नोटिस भेजे हैं.
आनंद घनघस ने बताया कि 2011 में कांग्रेस सरकार में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती निकली तो उन्हें महसूस हुआ कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी. इसके बाद वह बवानीखेड़ा से तत्कालीन विधायक और सीपीएस रामकिशन फौजी से मिले. उन्होंने 5 लाख रुपये लिए, जिसके बाद उन्हें यमुनानगर जिले में ज्वाइन करवाया गया. आनंद ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में अन्ना आंदोलन शुरू हुआ तो उन्होंने भ्रष्टाचार का अपना मामला उठाया. ये पूरा मामला उजागर होते ही पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी ने स्कूल प्रिंसिपल (कांग्रेस विधायक कृष्णा पंडित की ननद थी) को कहकर मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए. प्रिंसिपल ने रामकिशन फौजी, कृष्णा पंडित व हुड्डा के कहने पर पूरा षड्यंत्र रचा गया.
सुसाइड करने तक मन करता था
इसके बाद वह 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहे. इस दौरान कोर्ट ट्रायल में परिवार में कुछ नहीं बचा. सुसाइड करने तक मन करता था पर कोर्ट ने न्याय किया और वह निर्दोष साबित हुए. 11 मार्च को उन्हें दोबारा ज्वाइनिंग मिली. टीचर आनंद का कहना है कि अब उन्होंने पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी व उसके भाई सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपये के मानहानि के नोटिस भेजे हैं, जिसमें कई कांग्रेस नेता, शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी तथा तत्कालीन पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ हलफनामे दिए थे.
आनंद का कहना है कि ये नोटिस इसलिए भेजे हैं कि भविष्य में कोई संविधान व सिस्टम का गलत फायदा उठाकर किसी को गलत न फंसाए. आनंद घनघस ने कहा कि संकट आने पर कोई सुसाइड या सरेंडर न करे. लड़ाई लड़ना ही विकल्प है. वह लड़ाई लड़ेंगे और कोर्ट न्याय जरूर करेगा.
इनपुट: नवीन शर्मा