Bhiwani News: हरियाणा के भिवानी जिले के गांव नंदगांव के 22 वर्षीय साहिल की कनाडा में मौत होने के बाद देर रात उसका शव घर पहुंचा. सोमवार को साहिल का अंतिम संस्कार किया गया. बेटे का शव देखकर साहिल के माता-पिता अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए और टूट गए. परिवार के लोग उन्हें सांत्वना देते रहे. साहिल की चिता को उसके छोटे भाई निलेश ने आंसू भरे दिल से मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार में गांव के कई लोग भी शामिल हुए और परिवार के दुख में शरीक हुए. साहिल के चाचा का कहना है कि बेटे को तैरना आता था, वो झील में डूब ही नहीं सकता है. उसके साथ कोई घटना हुई है, पुलिस को जांच करनी चाहिए.
साहिल की मौत की खबर सुनते ही घर में गम और सन्नाटा छा गया था. परिवार ने सरकार और भारत में स्थित कनाडा दूतावास से मदद लेकर साहिल के शव को भारत लाने में सहायता ली. साहिल के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को बेहतर भविष्य के लिए करीब 40 लाख रुपए खर्च कर कनाडा भेजा था, लेकिन केवल एक महीने के अंदर ही उनका सपना टूट गया. साहिल 23 अप्रैल को दिल्ली से कनाडा गया था, जहां वह वेब डिजाइनिंग का कोर्स कर रहा था. 26-27 मई की रात कनाडा पुलिस ने साहिल का शव झील से बरामद किया. पुलिस का कहना है कि साहिल डूबने से मरा है, लेकिन परिवार को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा. साहिल के चाचा मुकेश का कहना है कि साहिल को तैरना आता था, इसलिए वे हत्या की आशंका जताते हैं. उनका मानना है कि कहीं किसी ने साहिल की हत्या करके शव को पानी में फेंक दिया होगा.
साहिल के पिता जो सेना से रिटायर्ड हैं उन्होंने बताया कि उन्होंने साहिल को विदेश भेजने के लिए अपनी पूरी बचत लगा दी, जिसमें उन्होंने अपना 160 गज का प्लॉट भी बेच दिया. पिता ने कहा कि मैंने अपनी रिटायरमेंट की पूरी रकम बेटे के भविष्य के लिए लगाई थी. परिवार आर्थिक मदद की भी मांग कर रहा है ताकि साहिल के छोटे भाई को नौकरी मिल सके और परिवार का सहारा बन सके. साहिल परिवार का बड़ा आशा का स्तंभ था. वह हमेशा दादी से कहता था कि अगली बार जब वह आएगा, तो दादी को भी साथ ले जाएगा पर अब यह सपना अधूरा रह गया. साहिल की मौत ने पूरे परिवार और गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है. सभी चाहते हैं कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द सच्चाई सामने लाए.
इनपुट- नवीन शर्मा
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