Satyendra Jain: भाजपा विधायक करनैल सिंह ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा दायर मानहानि मामले में विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष शिकायत की स्थिरता का मुद्दा उठाया है. जैन ने आरोप लगाया कि सिंह ने 19 जनवरी, 2025 को एक समाचार साक्षात्कार के दौरान उनके बारे में झूठे और अपमानजनक बयान दिए.
सिंह ने जैन पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और 37 किलोग्राम सोना और 1,100 एकड़ जमीन सहित अवैध संपत्ति रखने का आरोप लगाया. मामला अब एक विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट के समक्ष है, जिसमें सिंह के वकील ने अदालत के अधिकार क्षेत्र के बारे में चिंता जताई है, क्योंकि घटना के समय सिंह एमपी या एमएलए नहीं थे. कोर्ट ने स्थिरता के मुद्दे को संबोधित करने के लिए 26 मार्च को आगे की सुनवाई निर्धारित की है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) पारस दलाल ने करनैल सिंह के वकील विनोद दहिया की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 26 मार्च को सुनवाई के लिए तय कर दी. वकील ने कहा कि घटना के समय करनैल सिंह न तो सांसद थे और न ही विधायक इसलिए यह विशेष अदालत इस शिकायत पर सुनवाई नहीं कर सकती, क्योंकि यह अदालत सांसदों-विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए बनी है.
एसीजेएम पारस दलाल ने कहा कि यह मामला अदालत ने उठाया था और उसे विश्वास है कि इस शिकायत पर यह अदालत सुनवाई कर सकती है. फिर भी, आपको बहस करने का अधिकार है. जैन के वकील कौस्तुभ खन्ना ने कहा कि जैन के पक्ष में दिल्ली हाईकोर्ट और मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले है. अदालत ने अगली तारीख के लिए न्यूज चैनल को नोटिस भी जारी किया. अदालत ने सत्येंद्र जैन के वकील से 6 फरवरी को पूछा कि एक विशेष एमपी/एमएलए के समक्ष उनकी शिकायत कैसे सुनवाई योग्य है, जबकि वह एक शिकायतकर्ता हैं, आरोपी नहीं. जैन के वकील ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का एक निर्णय है कि यदि कोई पूर्व विधायक किसी मामले में शिकायतकर्ता है, तो वह विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में मामला दायर कर सकता है.
न्यायाधीश ने वकील से पूछा था कि यह शिकायत यहां कैसे स्वीकार्य है? इस अदालत को एमपी/एमएलए के खिलाफ मामलों की सुनवाई करनी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए अधिवक्ता रजत भारद्वाज ने कहा कि यदि शिकायतकर्ता पूर्व विधायक है, तो वह उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार एमपी/एमएलए कोर्ट में मामला दायर कर सकता है. यह याचिका अधिवक्ता रजत भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि प्रस्तावित आरोपी ने बयान दिया है कि जैन ने भ्रष्टाचार के जरिए अपनी संपत्ति बनाई है और जो पैसा जनता पर खर्च किया जाना था, वह खर्च हो गया.