Building Collapsed in Mustafabad: दयालपुर थाना क्षेत्र के शक्ति विहार गली नंबर-1 में शुक्रवार की देर रात जो हादसा हुआ, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया. रात करीब ढाई बजे एक चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई. इस हादसे में अब तक 14 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है. अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह इमारत गिरी क्यों.
स्थानीय लोगों की मानें तो यह इमारत हाजी तासिन की थी और इसमें चार दुकानें बनी हुई थीं. हाल ही में इन दुकानों में से दो के बीच की दीवार हटाकर एक बड़ी दुकान में बदलने का काम चल रहा था. लोगों का मानना है कि इस निर्माण कार्य में कोई तकनीकी चूक हुई होगी, जिससे इमारत कमजोर हो गई और गिर गई. कुछ लोगों ने यह भी बताया कि दीवार तोड़ने के समय किसी भी इंजीनियर की सलाह नहीं ली गई थी और लोकल मजदूरों से ही काम करवाया जा रहा था.
दूसरी ओर, इलाके में हाल ही में नगर निगम द्वारा नालियों के निर्माण का कार्य भी चल रहा था. स्थानीय निवासियों का कहना है कि नई नालियां बनाने की बजाय, पुरानी नालियों की दीवारों को तोड़े बिना सिर्फ ऊपर ईंटें रखकर ऊंचा किया गया था. इससे न सिर्फ जल निकासी प्रभावित हुई, बल्कि नाली की दीवारों से धीरे-धीरे पानी रिसकर इमारत की नींव में जाने लगा. संभव है कि इसी वजह से इमारत की नींव कमजोर हुई और वह ढह गई.
अब प्रशासन के सामने यह बड़ी चुनौती है कि वह यह तय करे कि इमारत गिरने की असली वजह क्या थी. दुकानों का अनियमित निर्माण या नाली निर्माण में की गई लापरवाही. घटनास्थल पर वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. इस हादसे ने एक बार फिर से दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में हो रहे बेतरतीब निर्माण और प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोल दी है. जब तक हर निर्माण कार्य में नियमों का पालन नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराती रहेंगी, और लोगों की जानें यूं ही मलबे में दबी रह जाएंगी.
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