Durgesh Pathak: आज सुबह दिल्ली की राजनीति में हलचल तब तेज हो गई जब आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और गुजरात प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई की टीम जांच के लिए पहुंच गई. सुबह-सवेरे की इस कार्रवाई ने न सिर्फ आप के समर्थकों को चौंकाया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया. दुर्गेश पाठक ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि किस मामले सीबीआई के अधिकारी जांच के लिए आए थे. अगर भविष्य में भी जांच होती है तो पूरा सहयोग करूंगा.
ना डरे थे, ना डरेंगे
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने मुझे गुजरात का सह-प्रभारी बनाया और मुझे ऐसा लगता है कि गुजरात में हमारी बढ़ती ताक़त को देखते हुए मुझे डराने के लिए ऐसा किया गया है
पिछली बार जब गुजरात की जनता ने हमें खूब प्यार दिया तो इन्होंने @ArvindKejriwal जी,… pic.twitter.com/mwttD2jSwR
— AAP (@AamAadmiParty) April 17, 2025
दुर्गेश पाठक ने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीबीआई की टीम सुबह उनके आवास पर पहुंची और घंटों तक जांच और पूछताछ की. उन्होंने बताया कि करीब 5 से 6 अधिकारी अलग-अलग दस्तावेजों की जांच करते रहे लेकिन आखिरकार उन्हें कुछ भी ऐसा नहीं मिला जो उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके. पाठक ने तीखे लहजे में कहा कि मुझे लगता है ये कार्रवाई हमें डराने की कोशिश थी, लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं. उन्होंने सीधा भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये सब विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है. भाजपा विपक्ष को खत्म करना चाहती है, इसलिए सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.
गौरतलब है कि दुर्गेश पाठक को हाल ही में गुजरात चुनावों के लिए आप की तरफ से सह प्रभारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही गुजरात में काम शुरू किया, उसी के तुरंत बाद उनके घर सीबीआई की रेड पड़ गई. इसे राजनीतिक साजिश बताया जा रहा है. इस बीच आप पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इस रेड को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली की मंत्री आतिशी, सांसद संजय सिंह और वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर एक सुर में कहा कि भाजपा, आप की गुजरात में बढ़ती ताकत से घबरा गई है और इसलिए केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लिया जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मामला और भी तूल पकड़ सकता है. अगर जांच में कुछ नहीं निकलता, तो भाजपा को जवाब देना मुश्किल हो सकता है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे 'राजनीतिक उत्पीड़न' के रूप में पेश कर सकती है. फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सीबीआई की कार्रवाई के बाद आगे क्या रुख अपनाया जाएगा और क्या यह मामला केवल एक जांच तक सीमित रहेगा या फिर इसके राजनीतिक मायने भी गहराएंगे.
ये भी पढ़िए- मंत्री सिरसा बोले - अब नहीं दिखेंगे कचरे के पहाड़, रोज 8000 टन कचरा होगा साफ