Chandigarh Mayor Election 2025: दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस और आप गठबंधन के लिए गुरुवार का दिन अच्छा रहा. चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव में गठबंधन के दो उम्मीदवार जीतने में कामयाब हो गए हैं. हालांकि,
मेयर पद पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हरप्रीत बबला ने कब्जा जमा लिया है. भाजपा उम्मीदवार को कुल 19 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार प्रेम लता को 17 वोट मिले हैं. हरप्रित बबला को क्रॉस वोटिंग के बाद 2 वोट ज्यादा मिले. मेयर चुनाव में भाजपा(BJP) के पास केवल 16 पार्षदों का समर्थन था, जबकि AAP और कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे, जिसमें एक सांसद मनीष तिवारी का वोट भी शामिल था. बावजूद इसके, AAP और कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार प्रेम लता हार गईं.
सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर पद पर गठबंधन का झंडा बुलंद
इस चुनाव के परिणाम के साथ ही सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के नाम का भी ऐलान हो गया है. कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी को सीनियर डिप्टी मेयर चुना गया है, जिन्होंने कुल 19 वोट हासिल किए. भाजपा की बिमला दुबे को 17 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस की तरुणा मेहता को डिप्टी मेयर चुना गया. उन्हें 19 वोट, जबकि भाजपा के लखबीर सिंह को 17 वोट मिले. इस तरह नगर निगम में दो पोस्ट पर कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया.
3 वोट गए भाजपा के पक्ष में
चुनाव परिणाम से यह साफ है कि AAP और कांग्रेस के गठबंधन के 3 वोट भाजपा के पक्ष में गए हैं. इस परिणाम के बाद चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी की स्थिति मजबूत हुई है. पिछले 2023 में हुए मेयर चुनाव में भी विवाद हुआ था, जब चुनाव अधिकारी ने वोटों पर क्रॉस लगाकर भाजपा प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित की थी. यह घटनाक्रम सीसीटीवी(CCTV) में रिकॉर्ड हो गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और पुन: काउंटिंग के आदेश दिए थे. इसके बाद AAP के कुलदीप टीटा को विजयी घोषित किया गया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने निभाई सख्त भूमिका
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती ने अहम भूमिका निभाई है. गुरुवार सुबह 11 बजे मतदान शुरू हुआ और इस बार चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज को स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था. पिछले चुनावों में आई अनियमितताओं को देखते हुए इस बार चुनाव की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए गए थे, ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सके. इसके बाद, यूटी और नगर निगम प्रशासन ने मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए कड़े इंतजाम किए थे. नगर निगम ने एमसी बिल्डिंग के अंदर और बाहर सुरक्षा के सख्त प्रबंध किए थे और पूरे मतदान केंद्र की वीडियोग्राफी कराई गई थी. इसके अलावा, पूरे असेंबली हॉल को सीसीटीवी(CCTV) कैमरों से कवर किया गया था, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके. इस बार चुनावों में पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इन कदमों को उठाया गया था.
महिला पद के लिए था आरक्षित
चंडीगढ़ में मेयर पद इस वर्ष महिला पार्षदों के लिए आरक्षित था, जिसके चलते BJP ने हरप्रीत कौर बबला को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने मिलकर एक उम्मीदवार खड़ा किया था. हालांकि, दोनों दलों का गठबंधन होने के बावजूद भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के माध्यम से शानदार जीत हासिल की.