Chandigarh: सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ देश का ऐसा शहर बन गया है जहां इंसानों से ज्यादा वाहन हैं. 114 वर्ग किलोमीटर में बसे इस शहर में आबादी करीब 13 लाख है, जबकि अब तक यहां 14.27 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हो चुके हैं. यानी हर व्यक्ति के पास एक से ज्यादा गाड़ी है. बीते पांच साल में यहां 2.03 लाख नए वाहनों का पंजीकरण हुआ है.
चंडीगढ़ के उपायुक्त निशांत कुमार यादव के अनुसार एक जनवरी 2020 से 31 मई 2025 तक 2,02,667 वाहन पंजीकृत किए गए हैं. यानी हर महीने औसतन 3118 वाहन और हर दिन औसतन 104 नए वाहन सड़कों पर उतर रहे हैं. इसके अलावा 2024 में अब तक करीब 20,000 पुराने वाहनों को चलाने की अवधि बढ़ाई गई है, जो बीते पांच सालों में सबसे ज्यादा है. चंडीगढ़ में फैंसी नंबरों का भी जबरदस्त क्रेज है. हाल ही में एक व्यक्ति ने सीएच 01 सीजेड 0001 नंबर पाने के लिए 31 लाख रुपये चुकाए. 2020 से 2025 के बीच आरएलए (पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण) ने 38,155 फैंसी नंबर बेचकर कुल 56.97 करोड़ रुपये की कमाई की है. सबसे महंगी बोली 2025 में 31 लाख रुपये में लगी. वहीं 2024 में 23.7 लाख, 2023 में 17.3 लाख, 2022 में 22.02 लाख, 2021 में 13.17 लाख और 2020 में 8 लाख की बोली लगी.
आरएलए ने पिछले पांच साल में कुल 1262.63 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया है और 63,096 नए ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए हैं. महंगे वाहनों की बात करें तो बीते पांच साल में चंडीगढ़ में सबसे महंगे 10 वाहनों की कीमत 3.38 करोड़ से 4.99 करोड़ रुपये तक रही. इनमें रोल्स रॉयस, लेम्बोर्गिनी, बेंटले और इनफिनिटी जैसे ब्रांड शामिल हैं. चंडीगढ़ में छह विंटेज वाहन भी पंजीकृत हैं, जिनमें ऑस्टिन, फिएट और राजदूत जैसे मॉडल शामिल हैं. इन वाहनों को CHVAA नंबर सीरीज दी गई है. डिप्टी कमिश्नर के मुताबिक हर दिन 100 से ज्यादा वाहन जुड़ने से सड़क व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है. पहले से ही शहर में आबादी से अधिक वाहन मौजूद हैं.
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