trendingNow/india/delhi-ncr-haryana/delhiHaryana02501504
Home >>Delhi-NCR-Haryana

Chhath Puja 2024: नहाय खाय से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें कब देंगे छठी मैया को पहला और दूसरा अर्घ्य

Chhath Puja 2024: छठ पूजा का महापर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. यह महापर्व बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखा जाता है. 

Advertisement
Chhath Puja 2024: नहाय खाय से शुरू हुआ छठ पूजा का महापर्व, जानें कब देंगे छठी मैया को पहला और दूसरा अर्घ्य
Renu Akarniya|Updated: Nov 05, 2024, 03:55 PM IST
Share

Chhath Puja 2024: चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मंगलवार को नहाय खाय के साथ प्रारंभ हो गया है. जहां छठ व्रतियों ने आस्था की डुबकी लगाई. स्नान करने के बाद छठ व्रती भगवान भास्कर को जल अर्पित कर अपने-अपने घर को गए. चार दिनों तक चलने वाली सूर्य उपासना का महापर्व छठ व्रत की पूजा अर्चना कर सकते हैं. गाजियाबाद के वैशाली में छठ व्रती ने घर पर नहाये खाये के साथ किया महापर्व छठ पूजा प्रारंभ. 

छठ पूजा 2024 का आखिरी दिन (Chhath Puja 2024 End Date) 
छठ पूजा का महापर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. यह महापर्व बिहार और पूर्वांचल में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर 36 घंटे का निर्जला व्रत भी रखा जाता है, जो सबसे कठिन व्रतों में से एक है. इस साल छठ पर्व 5 नवंबर से शुरू होकर 8 नवंबर को समाप्त होगा. 

ये भी पढ़ें: Chhath: नहाय-खाय से होगी छठ की शुरुआत, जानें महत्व और पहले दिन के पूजा नियर करें नोट

छठ पूजा 2024 का पूरा शेड्यूल (Chhath Puja 2024 Schdule)
1. पहले दिन नहाय खाय
2. दूसरे दिन खरना पूजा
3. तीसरे दिन संध्याकालीन या अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य 
4. चौथे दिन उषा अर्घ्य या उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन

कब दिया जाएगा छठी मैया को पहला और दूसरा अर्घ्य (Chhath Puja 2024 First and Second Arghya Time)
आज छठ व्रती अपने घर मे कद्दू भात एवं चने की दाल बनाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे. छठ व्रतियों के खाने के बाद ही घर के अन्य लोग खाना खाएंगे. कल यानी बुधवार को सुबह से उपवास रहकर छठव्रती खरना करेंगी. जिसमें शाम को गुंड और दूध की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर छठ व्रती भगवान भास्कर को भोग लगाकर ग्रहण करेंगें. उसके बाद 36 घण्टे निर्जला उपवास रहकर गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य देंगे एवं शुक्रवार की सुबह उदयगामी सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत की समाप्ति करेंगे. 

Input: Piyush Gaur

Read More
{}{}