Yamuna Nagar Police Raid in Ambala: अंबाला के मुलाना में यमुनानगर पुलिस की दबिश के दौरान करनाल निवासी दीनानाथ (40) ने जहरीला पदार्थ निगल लिया. हालत बिगड़ने पर पुलिस उसे निजी अस्पताल ले गई,ले गई, जहां उसकी मौत हो गई.दीनानाथ पर हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाने सहित पांच केस दर्ज हैं. हत्या के केस में वह तीन माह पहले जमानत पर आया था, लेकिन इसके बाद लौटा नहीं था. उसने जेल स्टाफ पर उत्पीड़न का भी आरोप भी लगाया. दीनानाथ ने मौत से पहले एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने खुदकुशी करने की वजह बताई.
दरअसल 24 जुलाई को यमुनानगर में जगाधरी के खेड़ा मंदिर में अरुण ने अपने मौसा मोहित पर फायरिंग कर दी थी. आरोपी की तलाश में सीआईए की टीम लगी हुई थी. सोमवार को सूचना मिली कि आरोपी अंबाला के मुलाना के एक पीजी में रुका हुआ है. यमुनानगर पुलिस ने वहां दबिश देकर अरुण को दबोच लिया. इस दौरान वहां पर दीनानाथ भी मिला. उसने पुलिस को बताया कि वह हत्या के केस में जमानत पर आने के बाद तीन माह से फरार है, जिसके बाद पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया. जब पुलिस उसे ले जाने लगी तो थाना छप्पर में मिल्क माजरा टोल के पास उसकी हालत बिगड़ने लगी. यह देखकर पुलिसकर्मी भी घबरा गए.
गुरुग्राम मेट्रो के रास्ते में बाधा बन रहे मकान? जानें GMRL का क्या है प्लान
पुलिस पूछताछ में दीनानाथ ने बताया कि वह पुलिस को देखकर घबरा गया था. खुदकुशी से पहले दीना नाथ ने एक वीडियो रिकॉर्ड कर कहा- मैं, दिननाथ, यह वीडियो पूरी तरह अपने होश-हवास में और सोच-समझकर रिकॉर्ड कर रहा हूं. यह बयान मैं उन लोगों के खिलाफ दे रहा हूं, जिनकी वजह से मुझे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ रहा है. मैं किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाना नहीं चाहता और न ही किसी झूठी दोस्ती का पक्ष लेना चाहता हूं. मैं पिछले डेढ़ साल से मानसिक रूप से बेहद परेशान हूं और एक साल से अपने घर से बाहर हूं. खुद को निर्दोष साबित करने का हरसंभव प्रयास कर रहा हूं लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों की वजह से सही कार्रवाई नहीं हो पा रही है. मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, सिर्फ मनगढ़ंत खुलासे हैं. पुलिस ने कुछ झूठे बयान दर्ज किए, जिसमें मेरा नाम जबरन जोड़ा गया.
दीनानाथ ने बताया, मेरे भाई को पुलिस ने अवैध रूप से कस्टडी में रखा और उससे जबरन मेरे खिलाफ बयान दिलवाया गया. कई लोगों की मंशा सिर्फ मुझसे पैसा ऐंठने की थी. मैं स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि जिन लोगों ने साजिश की, उनमें सोहनलाल, रामपुर धनुषरी के पी. विस्पाल, सनौश्री लाखन, अशोक पहलवान, साहिल, तरसेम विस्पाल, लतूचंद, गौरव सिंह, अजय सिंह, राजबीर, अजीज, विष्णु व उसका बेटा अनिरुद्ध शामिल हैं. जेल में भी मेरा मानसिक उत्पीड़न किया गया. मैंने जेल मंत्री अरविंद शर्मा को अपनी शिकायत दी, लेकिन इसके बाद जेल स्टाफ के कुछ लोग मुझे जानबूझकर प्रताड़ित करने लगे. मेरा मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है और अब जीवन जीने की इच्छा नहीं बची.