Delhi news: अलीपुर थाने में दर्ज मकोका (MCOCA) मामले में घोषित अपराधी मोहित उर्फ पंछी, निवासी गांव पंछी जाटान, गन्नौर, सोनीपत (हरियाणा), को क्राइम ब्रांच, आरके पुरम की टीम ने गिरफ्तार किया.
आरोपी को फरवरी 2025 में अपनी बहन की शादी के अवसर पर चार दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी, जो कि मकोका की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 252/18 से संबंधित थी. हालांकि, उसने जानबूझकर न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण नहीं किया और फरार हो गया, जिसके चलते उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया.
क्राइम ब्रांच की खुफिया जानकारी
क्राइम ब्रांच को मोहित उर्फ पंछी के बारे में एक विशेष गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी, जिसमें बताया गया कि वह बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा है और वर्तमान में गोवा में छिपा हुआ है. इसके साथ ही यह भी संकेत मिला कि वह भविष्य में कोई बड़ा अपराध करने की योजना बना रहा है. इस सूचना को जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी के जरिए सत्यापित किया गया, जिसमें आरोपी की गतिविधियों की पुष्टि हुई. त्वरित कार्रवाई करते हुए, एक पुलिस टीम को गोवा भेजा गया ताकि वांछित आरोपी के बारे में और अधिक कार्रवाई योग्य सूचना विकसित की जा सके. यह भी पता चला कि आरोपी पहचान छिपाने के लिए अपने वास्तविक पते से दूर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था और लगातार ठिकाना बदल रहा था.
अपराधी हुआ गिरफ्तार
लगातार प्रयासों और सतर्कता के चलते 4 जुलाई 2025 को टीम को बड़ी सफलता मिली आरोपी को उत्तरी गोवा के शहीद सर्कल के पास ट्रेस किया गया और एक सटीक ऑपरेशन के तहत उसे बिना किसी मौके दिए गिरफ्तार कर लिया गया. शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपनी पहचान मोहित उर्फ पंछी के रूप में बताया, जो गांव पंछी जाटान, गन्नौर, सोनीपत (हरियाणा) का निवासी है. उसने यह भी माना कि न्यायालय में आत्मसमर्पण न करने के कारण उसे मकोका की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 252/18 (थाना अलीपुर, दिल्ली - विशेष सेल द्वारा जांच) में घोषित अपराधी किया गया था.
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आपराधी के हिंसक प्लान का खुलासा
मोहित उर्फ पंछी, कुख्यात जितेन्द्र गोगी गिरोह का एक कट्टर और खतरनाक सदस्य है. वर्ष 2016 में उसने बहादुरगढ़ में दिल्ली पुलिस की एस्कॉर्ट टीम पर हुए एक हमले की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई थी. इस हमले में गोगी गिरोह के नौ अन्य साथी भी शामिल थे, जिनके साथ मिलकर उसने गिरोह के सरगना जितेन्द्र गोगी को पुलिस हिरासत से भगाने में मदद की थी. इस घटना में पुलिसकर्मियों की जान को भी खतरा पहुंचा और गिरोह की सुनियोजित एवं हिंसक प्लान का खुलासा हुआ. इस संबंध में एक आपराधिक मामला सदर थाने, बहादुरगढ़ में दर्ज किया गया था.
आरोपी के कई अन्य मामले
इसके अतिरिक्त, आरोपी कई अन्य मामलों में भी गोगी गैंग की ओर से संलिप्त रहा है. वर्ष 2018 में उसे मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया था. फरवरी 2025 में अंतरिम जमानत मिलने के बाद वह जानबूझकर वापस आत्मसमर्पण नहीं कर रहा था और तब से मुंबई, गोवा तथा कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के विभिन्न स्थानों पर छिपता रहा था.
Input-Raj Kumar Bhati