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Faridabad News: सरकार से 25 लाख मुआवजा लेने के लिए पिता की निकाल दी श्रद्धांजलि यात्रा

Faridabad News: फरीदाबाद के एक गांव से एक हैरान कर देने वाली खबर आई. जहां एक बेटे ने सरकार से 25 लाख का मुआवजा पाने के लिए अपने ही पिता को मृत घोषित करके श्रद्धांजलि यात्रा निकाला और ढोल-नगाड़ों पर नाचा भी जिसका वीडियो देखने के बाद पिता घर लौटकर आया और बताई आपबीती.

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Faridabad News: सरकार से 25 लाख मुआवजा लेने के लिए पिता की निकाल दी श्रद्धांजलि यात्रा
Zee Media Bureau|Updated: Aug 06, 2025, 04:26 PM IST
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Faridabad News: लालच रिश्तों और उसकी अहमियत को मार देता है फिर चाहे वो जुड़ाव किसी से भी क्यों न हो. सरकार से 25 लाख रुपये मुआवजा लेने के लिए एक शख्स ने अपने जीवित पिता की ही श्रद्धांजलि यात्रा निकाल दी, जिसकी उंगली पकड़कर वह कभी बड़ा हुआ था. श्रद्धांजलि यात्रा का वीडियो देखने के बाद बुजुर्ग पिता यूपी से लौटे और जब आपबीती सुनाई तो लोग बेटे और बहू को पानी पी-पीकर कोसने लगे. 

दरअसल 3 अगस्त को पन्हेड़ा कलां गांव में स्वामी राजेंद्र देव महाराज नाम के व्यक्ति ने अपने 79 वर्षीय पिता लालचंद उर्फ लूला की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की. इसके लिए गांव में 50 बड़े पोस्टर लगाए गए, जिनमें सभा की तारीख, समय और स्थान लिखा था. गांव के मंदिरों में रोटियां बांटी गईं और ढोल-बाजों के साथ यात्रा निकाली गई. अब आप सोचेंगे कि इसमें नया क्या है तो हम बता दें कि जिस बुजुर्ग के लिए श्रद्धांजलि सभा की गई थी, वह जीवित है. श्रद्धांजलि सभा का वीडियो देखने के बाद पिता गांव लौटा और आरोप लगाया कि बेटा उसे जान से मारना चाहता है. इसलिए वह पिछले 9 महीने से घर से गायब था. एक पहलु ये भी है कि उसने ऐसा इसलिए किया ताकि उसके गायब पिता मिल जाएं. 

बेटे राजेंद्र का कहना है कि उसके पिता 9 महीने पहले साइकिल से गोवर्धन परिक्रमा के लिए गए थे. वहां से वह बनारस और फिर महाकुंभ चले गए. शुरुआत में उनसे संपर्क होता रहा, लेकिन महाकुंभ की भगदड़ के बाद बातचीत बंद हो गई. उसने महाकुंभ में अपने पिता को ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. उसे लगा कि पिता भगदड़ में मारे गए हैं, इसलिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित की.

25 लाख के लालच में किया 'कांड 
गांव के लोगों का कहना है कि महाकुंभ में भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी. राजेंद्र इसी का फायदा उठाना चाहता था. वहीं बुजुर्ग लालचंद ने बताया कि घर से जाने के बाद उन्होंने अपना पुराना मोबाइल नंबर बंद कर दिया था. उनका नया नंबर सिर्फ एक रिश्तेदार के पास था. जब उस रिश्तेदार ने श्रद्धांजलि सभा का वीडियो देखा तो उसने लालचंद को कॉल कर बताया. बुजुर्ग लालचंद ने अपने जिंदा होने का वीडियो बनाकर सरपंच धर्मवीर को भेजा. इसके बाद मंगलवार को खुद गांव पहुंचा और पंचायत करवाई।

सरपंच ने रोकी यात्रा
जब गांव में ढोल-नगाड़ों के साथ यात्रा निकाली जा रही थी, उसी वक्त सरपंच वहां पहुंचे और लालचंद के जिंदा होने का वीडियो दिखाकर यात्रा रुकवा दी. राजेंद्र का कहना है कि उसे लगा कि किसी रिश्तेदार ने पिता को अगवा कर लिया ताकि उनकी संपत्ति हड़प सके. श्रद्धांजलि सभा रखने का मकसद यही था कि अगर पिता जीवित हैं तो वे सामने आ जाएं. इसके बाद लालचंद ने गांव के शिव मंदिर में पंचायत बुलाई. पंचायत ने राजेंद्र और उसके परिवार का गांव से हुक्का-पानी बंद कर बहिष्कार करने का निर्णय लिया और पुलिस में शिकायत देने का फैसला किया गया.

बेटा-बहू पर पीटने का आरोप 
बुजुर्ग लालचंद ने कहा कि बेटा और बहू उससे मारपीट करते थे, खाना नहीं देते थे और नौकरों की तरह काम करवाते थे. बेटे ने उनकी ढाई एकड़ जमीन हड़प ली और श्रद्धांजलि सभा के जरिये कोई बड़ी साजिश कर रहा था. सरपंच ने बताया कि लालचंद पिछले 9 महीने से यूपी के कोसी क्षेत्र में अपने भाई चंदी के घर पर रह रहे थे.

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आरोपी ने खुद को स्वामी घोषित कर दिया 
आरोपी राजेंद्र ने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है और 1995 से 2000 तक दिल्ली के एक बड़े होटल में काम किया. 2010 के बाद केटरिंग का बिजनेस छोड़कर खुद को स्वामी राजेंद्र देव महाराज घोषित कर दिया. राजेंद्र ने अपने पिता की ढाई एकड़ जमीन अपने नाम करवा ली और उस पर एक आश्रम बना लिया, जिसमें वह पत्नी और बच्चों के साथ रहता है. गांव के लोग उस आश्रम में कम ही जाते हैं.

इनपुट- नरेंद्र शर्मा

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