Delhi Crime News: दिल्ली में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिसमें गरीब मजदूरों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर लाखों की ठगी को अंजाम दिया गया. इस गैंग ने उन अनपढ़ मजदूरों को निशाना बनाया जो रोजगार की तलाश में बड़े शहरों में आते हैं और तकनीक की ज्यादा समझ नहीं रखते. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस गिरोह के दो सदस्यों को लद्दाख के दूरस्थ इलाके सरचू से गिरफ्तार किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये पूरा मामला तब सामने आया जब एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके खाते से करीब 69,953 रुपये की अवैध निकासी हो गई है. महिला को एक फर्जी ऑनलाइन कोचिंग सेंटर का कर्मचारी बनकर फोन किया गया था और फिर उसके खाते से पैसा गायब हो गया. 2 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज होने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल साइबर टीम ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि ठगी की रकम झारखंड के दुमका और गोड्डा जिले के मजदूरों के खातों में भेजी गई थी. ये मजदूर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में काम करते थे और उन्हें झांसा देकर खाते खुलवाए गए. लेकिन उनके एटीएम कार्ड और पासबुक ठगों ने अपने पास रख लिए. मजदूरों को अंदाजा तक नहीं था कि उनके नाम पर लाखों की ठगी हो रही है.
दिल्ली पुलिस की एक टीम ने खुद को स्थानीय बनाकर झारखंड में सर्च ऑपरेशन चलाया. कई दिनों की मेहनत के बाद पुलिस को ठगी के दो मुख्य आरोपी इमरान अंसारी और मंसूर अंसारी का सुराग मिला. ये दोनों हिमाचल होते हुए लद्दाख के सरचू भाग गए थे। पुलिस की दूसरी टीम ने 800 किलोमीटर का सफर तय कर उन्हें सरचू से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे मजदूरों को पहले नौकरी दिलाने का लालच देते थे, फिर उनका बैंक खाता खुलवाकर उसका पूरा नियंत्रण खुद रख लेते थे. ठगी के पैसे इन खातों में ट्रांसफर होते और बाद में निकाले जाते है. पुलिस को इनसे दो और मास्टरमाइंड के नाम भी मिले हैं, जिन्हें जल्द गिरफ्तार करने की तैयारी है. यह मामला न सिर्फ साइबर क्राइम का चेहरा उजागर करता है, बल्कि समाज के उस तबके की मजबूरी भी दिखाता है, जो दो वक्त की रोटी के लिए शहरों की ओर आते हैं और ठगों का आसान शिकार बन जाते हैं.
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